
नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
नई दिल्ली: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इन देशों में जाने पर उन्हें कभी विदेशी धरती का अहसास नहीं हुआ, बल्कि सब कुछ घर जैसा लगा। पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने की सलाह देते हुए पित्रोदा ने भारत सरकार को निशाना बनाया, जिससे राजनीतिक हंगामा मच गया है। बीजेपी ने इसे कांग्रेस का पाकिस्तान-प्रेम बताते हुए तीखा हमला बोला है।
विवादास्पद बयान: 'लोग, खाना, गाने सब भारतीयों जैसे'
सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब वह पाकिस्तान गए, तो उन्हें वहां एकदम घर जैसा महसूस हुआ। उनके शब्दों में, "पाकिस्तान गया था और मुझे कहना होगा, मुझे घर जैसा महसूस हुआ। मैं बांग्लादेश, नेपाल भी गया, और मुझे घर जैसा लगता है। मुझे नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी देश में हूं। वहां के लोग मेरे जैसे दिखते हैं, मेरी तरह बात करते हैं, मेरे गाने पसंद करते हैं, मेरा खाना खाते हैं।"
पित्रोदा ने जोर देकर कहा कि इन देशों के साथ सांस्कृतिक समानताएं इतनी गहरी हैं कि सीमाओं का कोई मतलब नहीं बचता। उन्होंने क्षेत्रीय शांति पर बल देते हुए कहा, "इसलिए, मुझे उनके साथ शांति और सद्भाव से रहना सीखना चाहिए। यह मेरी पहली प्राथमिकता है।" उनका यह बयान ऐसे समय में आया जब भारत-पाकिस्तान संबंध आतंकवाद की घटनाओं से तनावग्रस्त हैं।
विदेश नीति पर सुझाव: 'पड़ोसियों की मदद करें, जीन पूल एक है'
पित्रोदा ने भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए सलाह दी कि फोकस पड़ोसी देशों पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों को मदद की जरूरत है। क्षेत्र में आम जीन पूल है।" आतंकवाद के खतरे को स्वीकार करते हुए भी उन्होंने सहयोग की वकालत की। "हमें शांति और सद्भाव से रहना सीखना चाहिए," उन्होंने दोहराया।
यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी पित्रोदा का है, जो पहले भी कई विवादों में घिर चुके हैं। उनका यह रुख विपक्षी दलों के लिए नया हथियार बन गया है।
बीजेपी का तीखा प्रहार: 'कांग्रेस का 26/11 पर नरम रुख साबित'
सैम पित्रोदा के बयान पर बीजेपी ने फौरन प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "कांग्रेस देश के हितों को कमजोर कर रही है। पित्रोदा का पाकिस्तान प्रेम उजागर हो गया।" उन्होंने 26/11 मुंबई हमलों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
बीजेपी नेताओं ने इसे 'पाकिस्तान-समर्थक' बयान करार दिया। एक नेता ने ट्वीट किया, "जब पित्रोदा को पाकिस्तान में घर जैसा लगता है, तो भारत के सैनिकों की शहादत का क्या? कांग्रेस कभी नहीं बदलेगी।" पार्टी ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया, कहा कि उनके सलाहकार ऐसे बयान देकर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं।
राजनीतिक घमासान: आरोप-प्रत्यारोप की बौछार
इस बयान ने संसदीय गलियारों में हलचल मचा दी। कांग्रेस ने सफाई दी कि पित्रोदा का इरादा शांति की अपील करना था, लेकिन बीजेपी ने इसे खारिज करते हुए कहा, "यह विदेश नीति पर सवाल उठाने का बहाना है।" विपक्ष ने मांग की कि सरकार स्पष्ट करे कि क्या भारत पाकिस्तान को 'घर जैसा' मानने को तैयार है। सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई। यूजर्स ने पित्रोदा के पुराने विवादों को जोड़ते हुए मीम्स बनाए, जबकि समर्थक इसे सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बता रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में भुनाया जा सकता है।
पृष्ठभूमि: पित्रोदा के पिछले विवाद और वर्तमान संदर्भ
सैम पित्रोदा कोई नया चेहरा नहीं हैं विवादों का। पहले इमरजेंसी, 1984 दंगों और नेपोटिज्म जैसे मुद्दों पर उनके बयानों ने सुर्खियां बटोरीं। इस बार उनका फोकस पड़ोसी देशों पर है, जो भारत की कूटनीति के संवेदनशील मुद्दे हैं।
वर्तमान में भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर है। हाल की आतंकी घटनाओं ने सीमा पर तनाव बढ़ाया है। ऐसे में पित्रोदा का 'घर जैसा' बयान विपक्ष के लिए सुनहरा मौका बन गया। कांग्रेस आलाकमान ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन अंदरूनी स्रोतों के मुताबिक, पित्रोदा को सलाह दी जा रही है कि भविष्य में सतर्क रहें।
यह विवाद न केवल द्विपक्षीय संबंधों पर सवाल उठाता है, बल्कि भारतीय राजनीति की गहरी खाई को भी उजागर करता है। जहां एक तरफ शांति की बात हो रही है, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय गौरव का सवाल उठ रहा है। आने वाले दिनों में यह बहस और तेज हो सकती है।