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सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर पत्नी का राष्ट्रपति को पत्र, केंद्र पर गंभीर आरोप

नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर पत्नी का राष्ट्रपति को पत्र: केंद्र और जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप....

लद्दाख के जाने-माने क्लाइमेट एक्टिविस्ट और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद विवाद गहराता जा रहा है। उनकी पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता गीतांजलि अंगमो ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भेजकर अपने पति की तुरंत रिहाई की मांग की है। अंगमो ने अपने पत्र में केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वांगचुक को बिना किसी ठोस कारण के हिरासत में रखा गया है और परिवार को उनसे मिलने या फोन पर बात करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही।

ज्ञापन में लगाए गंभीर आरोप

गीतांजलि अंगमो, जो हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, ने आरोप लगाया कि न केवल उनके पति को अवैध रूप से कैद किया गया है, बल्कि सरकार और उसकी एजेंसियां परिवार और सहयोगियों को लगातार निगरानी में रखकर परेशान कर रही हैं। उन्होंने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 का उल्लंघन बताया, जिनमें नागरिकों को जीवन, स्वतंत्रता और कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार दिया गया है।

अंगमो ने कहा,“मेरे पति की गिरफ्तारी के साथ-साथ जिस तरह से संस्थान और हम लोगों को टारगेट किया जा रहा है, वह बेहद निंदनीय है। यह न केवल लोकतंत्र बल्कि संविधान की आत्मा के खिलाफ है।”

संस्थान और छात्रों को भी निशाना बनाने का आरोप

पत्र में अंगमो ने बताया कि 30 सितंबर को HIAL संस्थान के सुरक्षा गार्ड को पुलिस की ओर से एक पत्र मिला, जिसमें संस्थान से जुड़ी विस्तृत जानकारी मांगी गई। इसमें लद्दाख और पहाड़ी इलाकों से आए फ़ेलोशिप छात्रों, आवासीय कर्मचारियों, शिक्षक प्रशिक्षुओं और स्टाफ के नाम, माता-पिता के विवरण, पते, नई तस्वीरें, संपर्क नंबर और संस्थान में नामांकन की जानकारी शामिल थी।

अंगमो का आरोप है कि यह सब वांगचुक और उनके सहयोगियों को डराने और संस्थान को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई साफ तौर पर वांगचुक और उनकी टीम के खिलाफ एक तरह का शिकंजा कसने जैसी है।

वांगचुक का गांधीवादी आंदोलन और जनसमर्थन

सोनम वांगचुक लद्दाख और हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा सुधार और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को लेकर लंबे समय से काम कर रहे हैं। वह हमेशा गांधीवादी और अहिंसक आंदोलन के पक्षधर रहे हैं। हाल ही में लद्दाख की विशेष संवैधानिक पहचान और पर्यावरण संरक्षण को लेकर उनकी गतिविधियां सुर्खियों में रही थीं।

अंगमो ने अपने पत्र में लिखा कि देशभर के लोग और नागरिक समाज वांगचुक के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं, क्योंकि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने जीवनभर राष्ट्र सेवा की है और जिनका रिकॉर्ड बेदाग है। उन्होंने कहा कि सरकार का इस तरह का रवैया लोगों को स्तब्ध और चिंतित कर रहा है।

सरकार की चुप्पी पर सवाल

अंगमो ने राष्ट्रपति से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर किन शर्तों और कारणों के तहत वांगचुक को हिरासत में लिया गया है और परिवार को उनसे मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा। उन्होंने इस कार्रवाई को पूरी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद से लद्दाख ही नहीं बल्कि देशभर में सवाल उठ रहे हैं। उनकी पत्नी का यह पत्र अब सीधे राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार और एजेंसियां इस मामले में क्या रुख अपनाती हैं।