
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
शिक्षा जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले चर्चित यूट्यूबर और शिक्षक खान सर अब स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ी पहल करने जा रहे हैं। सावन के अंतिम सोमवार को उन्होंने एक इंटरव्यू में यह घोषणा की कि वे बिहार के हर जिले में डायलिसिस सेंटर और ब्लड बैंक खोलेंगे, ताकि आम जनता खासकर गरीब तबके को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
हर जिले में होगा डायलिसिस सेंटर
खान सर ने बताया कि उन्होंने यह फैसला बिहार के उन मरीजों की तकलीफों को देखकर लिया है, जो किडनी से जुड़ी बीमारियों के चलते डायलिसिस के लिए बार-बार पटना जैसे बड़े शहरों का रुख करते हैं। उन्होंने कहा, “एक बार की डायलिसिस पर लगभग 4000 रुपये खर्च होते हैं, और महीने भर में एक मरीज का खर्च 50 हजार रुपये तक पहुंच जाता है। इतनी भारी रकम गरीबों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।”
इसी को देखते हुए खान सर ने हर जिले में सस्ती दरों पर डायलिसिस सेवा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। इसके लिए जर्मनी से अत्याधुनिक डायलिसिस मशीनें मंगाई जा रही हैं, जो उच्च गुणवत्ता की होंगी और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरेंगी।
त्योहारों पर करेंगे नई स्वास्थ्य सेवा की शुरुआत
खान सर ने यह भी ऐलान किया कि वे हर बड़े त्योहार पर बिहारवासियों को स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी एक नई सेवा की सौगात देंगे। उन्होंने कहा, “हर पर्व एक नई शुरुआत का अवसर होगा, जिससे लोगों को यह संदेश मिले कि हम समाज के लिए कुछ सकारात्मक कर रहे हैं।”
- नवरात्रि के पहले दिन ब्लड बैंक की शुरुआत की जाएगी।
यह ब्लड बैंक जापान से मंगाई गई आधुनिक मशीनों से लैस होंगे और रक्त संचयन की प्रक्रिया पूरी तरह तकनीकी होगी।
- दीवाली पर खान सर अत्याधुनिक निजी अस्पताल की सौगात देंगे।
हालांकि यह प्राइवेट अस्पताल होगा, लेकिन इलाज और दवाइयां सरकारी दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि हर वर्ग के लोग इसका लाभ उठा सकें।
- छठ पर्व के मौके पर मल्टी-स्पेशलिटी डायग्नोसिस सेंटर की शुरुआत होगी।
यहां पर भी जर्मनी से मंगाई गई तकनीक आधारित मशीनों से जांचें की जाएंगी।
एक शिक्षक से समाजसेवी बनने की ओर
खान सर की पहचान अब केवल एक शिक्षक या यूट्यूबर तक सीमित नहीं रही। वे लगातार समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के बाद अब वे स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का बीड़ा उठा चुके हैं।
इस खास मौके पर वे शिव भक्त के रूप में नजर आए। माथे पर तिलक और त्रिपुंड लगाए, उन्होंने स्वास्थ्य को "सेवा" से जोड़ते हुए कहा कि, “स्वास्थ्य और शिक्षा, दोनों समाज की रीढ़ हैं। हम दोनों क्षेत्रों में लोगों की मदद करेंगे।”
खान सर की यह पहल न केवल बिहार बल्कि देशभर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन सकती है, जो अपने सामर्थ्य और संसाधनों से समाज में बदलाव ला सकते हैं।