Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का कीरतपुर–मनाली राजमार्ग पर अतिक्रमण हटाने का आदेश

स्टेट डेस्क, श्रेया पांडेय |

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 21 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य के तीन जिलों – मंडी, कुल्लू और बिलासपुर – को निर्देश दिया है कि वे कीरतपुर–मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) के दोनों किनारों पर किए गए अवैध अतिक्रमण को तुरंत हटाएं। न्यायमूर्ति जी.एस. संधवालिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि अतिक्रमण हटाने में कोई भी विभाग कोताही बरतता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अदालत को सूचित किया कि इस राजमार्ग के किनारे कई होटल, ढाबे, दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने अनाधिकृत रूप से कब्जा कर लिया है, जिससे न केवल यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है बल्कि सड़क सुरक्षा भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। कई स्थानों पर सड़क किनारे पार्किंग और व्यावसायिक गतिविधियाँ राजमार्ग की चौड़ाई को कम कर रही हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

कोर्ट ने जिला प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया कि वे NHAI के साथ मिलकर अभियान चलाएँ और सभी प्रकार के अतिक्रमण हटवाएँ। साथ ही, अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए और किसी निर्दोष व्यक्ति के साथ अन्याय न हो।

इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि अदालत अब सार्वजनिक संपत्तियों की सुरक्षा और सुचारू संचालन को लेकर गंभीर है। कीरतपुर–मनाली मार्ग न केवल हिमाचल प्रदेश के लिए बल्कि पंजाब और दिल्ली से आने-जाने वाले लाखों यात्रियों के लिए एक प्रमुख संपर्क मार्ग है। पर्यटन सीजन में इस मार्ग पर अत्यधिक भीड़ होती है और अतिक्रमण से यह मार्ग और भी संकीर्ण हो जाता है, जिससे जाम और दुर्घटनाओं की समस्या बढ़ जाती है।

हाईकोर्ट ने NHAI को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया है, जिसमें यह स्पष्ट हो कि किन-किन स्थानों पर अतिक्रमण हैं, कितने क्षेत्र में हैं, और उन्हें हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट का यह रुख राज्य प्रशासन के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि यदि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बरती गई तो सख्त कार्रवाई होगी।

यह आदेश न केवल सड़क सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायपालिका अब जनहित के मुद्दों पर अधिक तत्परता से कार्य कर रही है। स्थानीय लोगों और यात्रियों को उम्मीद है कि इस निर्णय से यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और सड़कें फिर से सुचारु रूप से कार्य करने लगेंगी।