
नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |
विश्वसनीयता की मिसाल रही यह सेवा अब स्पीड पोस्ट में होगी शामिल....
इंडिया पोस्ट की ऐतिहासिक और भरोसेमंद सेवा ‘रजिस्टर्ड पोस्ट’ 1 सितंबर 2025 से बंद होने जा रही है। पिछले पांच दशकों से नौकरी की नियुक्ति पत्र, कानूनी नोटिस और सरकारी दस्तावेजों जैसी अहम चिट्ठियों की डिलीवरी के लिए यह सेवा लाखों भारतीयों की पहली पसंद रही है। अब इसे स्पीड पोस्ट में मर्ज कर दिया जाएगा, जिससे न सिर्फ ऑपरेशनल प्रणाली को आधुनिक बनाया जाएगा, बल्कि ट्रैकिंग और डिलीवरी में भी सुधार होगा।
क्यों लिया गया ये फैसला?
डाक विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2011-12 में रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से भेजे गए आइटम्स की संख्या 244.4 मिलियन थी, जो 2019-20 तक घटकर 184.6 मिलियन रह गई। डिजिटल माध्यमों की बढ़ती पहुंच, प्राइवेट कुरियर कंपनियों और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स के चलते इस सेवा की मांग में तेजी से गिरावट आई है। इसी के मद्देनज़र यह फैसला लिया गया है।
स्पीड पोस्ट के साथ विलय
डाक विभाग के सचिव और महानिदेशक ने सभी विभागों, न्यायालयों, शैक्षणिक संस्थानों और आम उपयोगकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे 1 सितंबर से पहले नई प्रणाली को अपनाएं। स्पीड पोस्ट, जो 1986 से संचालित है, को अब प्रमुख सेवा के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें तेज़ डिलीवरी, बेहतर ट्रैकिंग सिस्टम और पारदर्शिता की सुविधा होगी।
बढ़ेगा खर्च, ग्रामीणों पर असर की आशंका
हालांकि, इस बदलाव को लेकर चिंताएं भी सामने आ रही हैं। स्पीड पोस्ट की फीस रजिस्टर्ड पोस्ट की तुलना में अधिक है। जहां रजिस्टर्ड पोस्ट की शुरुआती लागत ₹25.96 और प्रत्येक 20 ग्राम पर ₹5 अतिरिक्त थी, वहीं स्पीड पोस्ट की शुरुआत ₹41 प्रति 50 ग्राम से होती है। यानी यह सेवा लगभग 20-25% ज्यादा महंगी हो जाएगी। इससे ग्रामीण भारत, छोटे व्यापारी, किसान और सामान्य नागरिक प्रभावित हो सकते हैं, जो सस्ती और विश्वसनीय डाक सेवाओं पर निर्भर हैं।
यादों में रहेगी 'रजिस्टर्ड पोस्ट'
डाक विभाग का कहना है कि स्पीड पोस्ट में रजिस्टर्ड पोस्ट की कई प्रमुख विशेषताएं, जैसे ट्रैकिंग और रिसीविंग की पुष्टि, बरकरार रहेंगी। फिर भी, इस सेवा के खत्म होने की खबर से कई लोगों, खासकर बुजुर्गों और ग्रामीण समुदायों में भावनात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। रजिस्टर्ड पोस्ट सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि भरोसे और दस्तावेजों की सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी थी।
उपनिवेश काल से लेकर आज तक की विरासत
रजिस्टर्ड पोस्ट की शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी और इसे कानूनी मान्यता प्राप्त दस्तावेज़ों की सुरक्षित डिलीवरी के लिए उपयोग किया जाता था। बैंक, विश्वविद्यालय, सरकारी कार्यालय, न्यायालय और अन्य संस्थान इसकी विश्वसनीयता और सबूत के रूप में उपयोगिता के कारण इसे प्रमुखता देते थे। इसकी डिलीवरी और रसीद अदालतों में प्रमाण के रूप में मान्य होती थी।
तकनीकी बदलाव और बदलती ज़रूरतों के इस दौर में रजिस्टर्ड पोस्ट का अंत एक युग का अंत कहा जा सकता है। भले ही इसकी जगह अब स्पीड पोस्ट लेगा, लेकिन इसकी सादगी, सस्ता खर्च और भरोसेमंद सेवाओं की यादें लंबे समय तक लोगों के दिलों में रहेंगी।