
स्टेट डेस्क |
पटना: कैग की नई रिपोर्ट को आधार बनाकर कांग्रेस ने बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ई० शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार और भाजपा ने मिलकर राज्य का एक तिहाई बजट, करीब 70 हज़ार करोड़ रुपये, लापता कर दिया।
गप्पू राय ने बुधवार को गांधी आश्रम में पत्रकारों से कहा कि 31 मार्च 2024 तक 49,649 उपयोगिता प्रमाणपत्र (UCs) जमा नहीं किए गए, जिनकी कुल राशि ₹70,877 करोड़ है। उन्होंने कहा, “इतना बड़ा डाका आज़ाद भारत में पहले कभी नहीं पड़ा। यह गरीबों और पिछड़ों के हक पर सीधा डाका है।”
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सबसे अधिक राशि पंचायती राज विभाग में ₹28,154 करोड़ की है, जबकि शिक्षा, शहरी विकास, ग्रामीण विकास और कृषि विभागों में भी हज़ारों करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है।
गप्पू राय ने यह भी कहा कि बीते पाँच वर्षों में राज्य सरकार ने ₹3.59 लाख करोड़ रुपये की बजट राशि खर्च ही नहीं की, जिसमें 40% हिस्सा केंद्र प्रायोजित योजनाओं का था। शिक्षा और पोषण जैसी योजनाएँ सबसे अधिक प्रभावित हुईं। “अगर यह राशि खर्च होती तो बिहार में पुल, सड़कें, स्कूल और अस्पताल खड़े किए जा सकते थे,” उन्होंने कहा।
कांग्रेस ने इसे भाजपा-जेडीयू सरकार की “नाकामी और आकंठ भ्रष्टाचार” करार दिया है। प्रेस वार्ता में ओमप्रकाश कुशवाहा, प्रो. विजय शंकर पांडेय, शैलेन्द्र कुमार सिंह, धनंजय तिवारी, बजेन्द्र तिवारी और रंजन शर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।