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भ्रष्टाचार पर DIG का 'जीरो टॉलरेंस': रक्सौल DSP धीरेंद्र कुमार पद से हटाए गए

लोकल डेस्क, एन. के. सिंह |

भ्रष्टाचार पर DIG का 'जीरो टॉलरेंस': रक्सौल DSP धीरेंद्र कुमार पद से हटाए गए, पुलिस महकमे में हड़कंप

पूर्वी चंपारण बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी और सख्त कार्रवाई देखने को मिली है। चंपारण परिक्षेत्र बेतिया के पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) हरिकिशोर राय की रिपोर्ट के आधार पर, पुलिस मुख्यालय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रक्सौल के डीएसपी धीरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया है। उन्हें मुख्यालय में प्रतिनियुक्त किया गया है, और इस अप्रत्याशित कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में खलबली मच गई है।
क्या है पूरा मामला? रिश्वतखोरी और सुपरविजन में लापरवाही बनी वजह
यह पूरा मामला रक्सौल के बैंक रोड स्थित कपड़ा व्यवसायी वस्त्र संसार के प्रोपराइटर टुना गुप्ता से जुड़ा है। व्यवसायी टुना गुप्ता ने डीएसपी धीरेंद्र कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें यह दावा किया गया था कि डीएसपी ने उनके खिलाफ झूठा केस करने, सुपरविजन में नाम हटाने और इसके बदले लाखों रुपये नकद व दुकान से कपड़े रिश्वत में लिए।
DIG हरिकिशोर राय की जांच में हुए बड़े खुलासे: रिश्वतखोरी हुई प्रमाणित
व्यवसायी की शिकायत पर DIG हरिकिशोर राय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की। उनकी जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए:

  •  रिश्वतखोरी प्रमाणित: जांच में सामने आया कि डीएसपी धीरेंद्र कुमार ने वास्तव में रक्सौल के कपड़ा व्यवसायी टुना गुप्ता से एक दलाल के माध्यम से रिश्वत ली थी। यह रिश्वत उनके ऊपर दर्ज केस से नाम हटवाने के एवज में ली गई थी।
  •  पर्यवेक्षण में लापरवाही: रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि डीएसपी धीरेंद्र कुमार ने कई मामलों में केस की गंभीरता को देखे बिना ही पर्यवेक्षण (सुपरविजन) किया, जो उनकी कार्यप्रणाली में बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।

बिचौलिया गिरफ्तार, तत्कालीन थानाध्यक्ष भी निलंबित हुए थे!
इस मामले में रिश्वत के लेनदेन में शामिल एक व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि गिरफ्तार बिचौलिया छौड़ादानो थाना के खैरवा गांव निवासी शिवपूजन शर्मा उर्फ समर जी है।
गौरतलब है कि इसी मामले में रक्सौल के पुलिस निरीक्षक राजीव नंदन सिन्हा ने एक लाख 80 हजार का कपड़ा उधार लिया था। जब व्यवसायी ने पैसे की मांग की, तो उन पर अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इस शिकायत पर DIG ने स्वयं जांच की और आरोप प्रमाणित होने के बाद थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया था। अब इस कड़ी में पुलिस उपाधीक्षक पर भी रिश्वत लेने का आरोप सामने आया है। एसपी ने स्पष्ट किया है कि सरकारी कार्यालयों में बिचौलियों और दलालों पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।
तत्काल कार्रवाई और नए डीएसपी की नियुक्ति
इस गंभीर रिपोर्ट के सामने आने के बाद, पुलिस मुख्यालय ने बिना देरी किए तत्काल कार्रवाई करते हुए धीरेंद्र कुमार को रक्सौल डीएसपी के पद से हटा दिया। उनकी जगह पर साइबर थाना डीएसपी अभिनव परासर को अगले आदेश तक रक्सौल डीएसपी का कार्यभार सौंपा गया है।
भ्रष्टाचार पर कड़ा संदेश: ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति जारी
बिहार पुलिस महकमे में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों के बीच यह कार्रवाई एक कड़ा और स्पष्ट संदेश है कि ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम हो रहा है। हालांकि, यह भी चिंता का विषय है कि इन कार्रवाइयों के बावजूद कुछ पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं, जिससे पुलिस की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।