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सांसद बनकर मजा नहीं आ रहा, ये मेरी पृष्ठभूमि नहीं: कंगना रनौत

नेशनल डेस्क, वेरोनिका राय |

बॉलीवुड अभिनेत्री से नेता बनीं कंगना रनौत इन दिनों एक पाडकास्ट इंटरव्यू के चलते सुर्खियों में हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने स्वीकार किया है कि वह राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं और उन्हें अब तक अपने राजनीतिक जीवन में कोई खास आनंद नहीं आ रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब मंडी में आपदा का माहौल है और क्षेत्र की जनता उनसे राहत व विकास की अपेक्षा कर रही है।

राजनीति में आना एक प्रस्ताव के बाद हुआ:
कंगना रनौत ने 'Atman in Ravi' नामक यूट्यूब चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने खुद कभी राजनीति में आने की योजना नहीं बनाई थी, बल्कि उन्हें एक प्रस्ताव मिला था और फिर उन्होंने भाजपा के टिकट पर मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराकर सांसद बनीं।

"समझ आ रही है, लेकिन मजा नहीं आ रहा":
पाडकास्ट में जब कंगना से पूछा गया कि क्या वह अपने नए करियर का आनंद ले रही हैं, तो उन्होंने ईमानदारी से जवाब दिया,
 "मुझे इसकी समझ आ रही है, लेकिन यह कहना कि मजा आ रहा है, शायद सही नहीं होगा। यह एक अलग तरह का काम है — समाज सेवा जैसा। लेकिन ये मेरा बैकग्राउंड नहीं रहा है।"

उन्होंने आगे कहा कि वे हमेशा स्वतंत्र रही हैं और फिल्मों में आत्मनिर्भर होकर काम किया है, लेकिन राजनीति में लोगों की अपेक्षाएं बिल्कुल अलग होती हैं।

"लोग सड़क-नाली की शिकायतें लेकर आते हैं":
कंगना ने बताया कि उनके पास लोग सड़क, नाली और पानी जैसी समस्याएं लेकर आते हैं।

 "मैं तो सांसद हूं, लेकिन लोग पंचायत स्तर की समस्याएं लेकर आते हैं। विधायक भी टूटी सड़क जैसी शिकायतें लेकर आते हैं। जब मैं कहती हूं कि यह राज्य सरकार का विषय है तो वे कहते हैं — आपके पास पैसा है, आप खर्च करिए।"

कंगना ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी सामाजिक कार्य या जनसेवा को अपनी पृष्ठभूमि नहीं बनाया था। वह अधिकतर फिल्मों और महिला अधिकारों के मुद्दों तक सीमित रहीं।

"प्रधानमंत्री बनने की इच्छा नहीं":
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कभी प्रधानमंत्री बनने का सपना देखती हैं, तो कंगना ने इसे साफ शब्दों में नकार दिया। उन्होंने कहा:

 "मुझे नहीं लगता कि मैं उस पद के लायक हूं। मैंने एक स्वार्थी जीवन जिया है। समाज सेवा या जनकल्याण मेरी पृष्ठभूमि में कभी नहीं रहा।"

राजनीति में बनी रहूंगी, लेकिन सीखना बाकी है:

कंगना रनौत ने यह स्पष्ट किया कि वह राजनीति छोड़ने का विचार नहीं कर रही हैं, लेकिन यह ज़रूर मानती हैं कि उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है। उन्होंने स्वीकार किया कि राजनीति एक लंबा और जटिल रास्ता है, जिसमें धैर्य और संवेदनशीलता की ज़रूरत होती है।

आपदा के बीच बयान ने खड़े किए सवाल:

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आई प्राकृतिक आपदा के बीच कंगना का यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा का विषय बन गया है। कई लोगों ने इसे असंवेदनशील करार दिया, वहीं कुछ ने इसे उनकी ईमानदारी का परिचायक बताया।

कंगना रनौत का यह बयान भले ही उनका निजी अनुभव हो, लेकिन एक निर्वाचित सांसद के तौर पर जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी पर सवाल उठाता है। राजनीति केवल पावर का खेल नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है — और इस राह पर चलना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। कंगना का यह आत्मचिंतन भविष्य में उनकी भूमिका को तय करने में अहम साबित हो सकता है।