
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025: प्रधानमंत्री मोदी ने क्यूबा, मलेशिया, वियतनाम सहित कई देशों के नेताओं से की द्विपक्षीय बैठकें — भारत के सहयोग और वैश्विक साझेदारी पर केंद्रित रही चर्चा
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यूबा, मलेशिया, वियतनाम और अन्य देशों के शीर्ष नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में भारत के सहयोग को मजबूत करने पर व्यापक चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन मुलाकातों की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से साझा की और बताया कि सभी बैठकें "अच्छी और सकारात्मक" रहीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग के कई रास्ते खुल रहे हैं, जो आने वाले समय में भारत और इन देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
क्यूबा के राष्ट्रपति से विशेष मुलाकात:
मोदी ने क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल बेरमुदेज़ से विस्तार से बातचीत की। उन्होंने बताया कि यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण और आशाजनक रही। प्रधानमंत्री ने कहा:
"इस बातचीत में हमने कई विषयों पर चर्चा की। आने वाले समय में हमारे देशों के बीच आर्थिक संबंधों में बहुत वृद्धि की संभावना है। प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उत्तम सहयोग के अवसर हैं।"
प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि क्यूबा की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद को एकीकृत करने पर भी विचार हुआ और इसके लिए भारत हरसंभव सहायता देने को तैयार है।
2023 में भी हुई थी मुलाकात:
मोदी और डियाज़-कैनेल की इससे पहले भी मुलाकात हुई थी, जब 2023 में जोहान्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में क्यूबा को विशेष आमंत्रण मिला था। उस समय भी दोनों नेताओं के बीच आर्थिक सहयोग, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, डिजास्टर मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सेवाओं और डिजिटल क्षेत्र में भारत-क्यूबा साझेदारी को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई थी।
क्यूबा ने भारत की डिजिटल विशेषज्ञता को खुले मन से स्वीकार किया और यूपीआई जैसी सार्वजनिक डिजिटल सेवाओं में रुचि दिखाई।
आयुर्वेद की वैश्विक मान्यता पर चर्चा:
प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष बल दिया कि आयुर्वेद को क्यूबा में वैज्ञानिक मान्यता दिलाने और वहां की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के साथ जोड़ने में भारत संपूर्ण सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि क्यूबा द्वारा आयुर्वेद को अपनाना यह दर्शाता है कि भारतीय चिकित्सा प्रणाली वैश्विक स्तर पर विश्वास और प्रभाव हासिल कर रही है।
अन्य द्विपक्षीय बैठकें:
मोदी ने मलेशिया, वियतनाम और अन्य ब्रिक्स सहयोगी देशों के प्रमुखों से भी मुलाकात की। इन बैठकों में प्रमुख रूप से नवाचार, डिजिटल ट्रांजैक्शन, ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान, पर्यटन जैसे विषयों पर फोकस किया गया। सभी नेताओं ने भारत की वैश्विक भूमिका की सराहना की और ब्रिक्स के दायरे से बाहर भी सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई।
प्रधानमंत्री मोदी की इन द्विपक्षीय बैठकों ने भारत की वैश्विक कूटनीति, आर्थिक दृष्टिकोण और सॉफ्ट पॉवर (आयुर्वेद, डिजिटल इंडिया आदि) को मजबूती दी है। यह स्पष्ट है कि भारत अब केवल विकासशील राष्ट्रों का प्रतिनिधि नहीं, बल्कि एक वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है जो विकास, तकनीक और परंपरा को संतुलित तरीके से दुनिया के सामने पेश कर रहा है।