
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
नक्सलियों का खौफ घटा, आजादी के 78 साल बाद अबूझमाड़ के मुहाने तक पहली बार पहुंची सरकारी बस
नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर से एक सकारात्मक खबर सामने आई है। राज्य सरकार की बस अब उस क्षेत्र तक पहुंचेगी, जिसे कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। यह बस सेवा अबूझमाड़ के प्रवेश द्वार पर बसे मारकनार गांव तक शुरू की गई है। यह वही गांव है, जहां कभी नक्सलियों की जनताना सरकार का बोलबाला था। आजादी के 78 साल बाद पहली बार यहां राज्य परिवहन निगम की बस पहुंची है। गांव के लोग इसे सपना पूरा होने जैसा अनुभव कर रहे हैं।
यह इलाका गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़ तहसील में स्थित है। करीब 100 आदिवासी परिवारों के लिए यह बस सेवा बड़ी राहत लेकर आई है। अभी कुछ वर्षों पहले तक यहां मोबाइल नेटवर्क और आधार कार्ड जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं।
अब पैदल चलने की जरूरत नहीं;
यह सेवा महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) द्वारा शुरू की गई है। इससे मारकनार और आसपास के गांवों के ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिलेगी। पहले उन्हें 6 किलोमीटर पैदल चलकर कोठी गांव पहुंचना पड़ता था, जहां अहेरी से आने वाली बस रात में रुकती थी और फिर अगले दिन लोगों को गंतव्य तक ले जाती थी। इस बस सेवा का लाभ न सिर्फ मारकनार, बल्कि मुरंबाहुशी, फुलनार, कोपरशी, पोयारकोठी और गुंडुरवाही जैसे गांवों के लगभग 1,000 लोगों को मिलेगा, जिसमें कई विद्यार्थी भी शामिल हैं।
नक्सलियों का गढ़ माना जाता था क्षेत्र;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में 25 मई को गढ़चिरौली के Katezhari गांव तक बस सेवा पहुंचने की सराहना की थी। इसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन ने और बड़ा कदम उठाते हुए मारकनार तक बस सेवा की शुरुआत कर दी। यह गांव अबूझमाड़ क्षेत्र के समीप है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में कुख्यात रहा है।
तिरंगे के साथ हुआ बस का स्वागत;
बस सेवा के पहले दिन स्कूल के बच्चों ने हाथों में तिरंगा लेकर बस का जोरदार स्वागत किया। ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़े बजाए और सरकार के समर्थन में नारे लगाए। प्रशासन का कहना है कि अगले साल यह बस मुरंबाहुशी तक भी पहुंचेगी। कभी जिस क्षेत्र में सिर्फ गोलियों की आवाजें गूंजती थीं, वहां अब विकास की गूंज सुनाई दे रही है।
गांवबंदी योजना का असर;
SDPO भामरागढ़ अमर मोहिते ने बताया कि इस इलाके में सरकार की गांवबंदी योजना लागू होने के बाद यह संभव हो पाया है। गांव वालों ने नक्सलियों को गांव में घुसने नहीं दिया और सरकार ने इसके बदले विकास कार्य शुरू किए। सुरक्षा बलों ने इलाके को नक्सलियों से मुक्त कर सड़क और मोबाइल टावर बनाने में मदद की। अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।
सिर्फ 800 मीटर सड़क का काम बाकी;
मोहिते ने बताया कि पहले बस सेवा अहेरी से भामरागढ़ होते हुए कोठी तक चलती थी, अब यह 5 किलोमीटर आगे मारकनार तक जाएगी। मुरंबाहुशी तक बस पहुंचाने के लिए अब सिर्फ 800 मीटर सड़क का निर्माण बाकी है। बारिश के कारण फिलहाल काम रुका हुआ है लेकिन अगले साल मुरंबाहुशी तक भी बस सेवा पहुंचा दी जाएगी। गांव में मोबाइल टावर भी लगाया गया है। कोठी पुलिस स्टेशन के प्रभारी दिलीप गावली और अहेरी डिपो मैनेजर की भी अधिकारियों ने सराहना की।