
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले को 7 दिनों तक टाला, व्यापार वार्ता को मिला नया मौका
अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव के बीच राहत भरी खबर सामने आई है। अमेरिका ने भारत से आयातित कुछ प्रमुख उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने के अपने फैसले को सात दिनों के लिए टाल दिया है। यह फैसला दोनों देशों के बीच चल रही ऊंचे स्तर की बातचीत को देखते हुए लिया गया है।
हाल ही में अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले स्टील, एल्युमिनियम, ऑटो पार्ट्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसे कई उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। अमेरिकी प्रशासन का दावा था कि भारत द्वारा कुछ अमेरिकी कंपनियों के लिए बाजार में प्रवेश कठिन बना दिया गया है, साथ ही डिजिटल डेटा पर नियंत्रण और घरेलू सब्सिडी नियमों ने अमेरिकी व्यापार को नुकसान पहुँचाया है।
भारत सरकार ने अमेरिका के इस फैसले पर गहरी नाराज़गी जाहिर की थी और इसे "एकतरफा और अनुचित" कदम बताया था। भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने इस मुद्दे पर डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज करने की चेतावनी भी दी थी।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने सोमवार देर रात बयान जारी करते हुए कहा:
“हम भारत के साथ अपने रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं। वर्तमान में दोनों पक्ष व्यापारिक मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं, इसलिए टैरिफ लागू करने की प्रक्रिया को 7 दिनों के लिए टाल दिया गया है।”
यह निर्णय भारत और अमेरिका के उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधियों के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद आया है, जिसमें दोनों देशों ने व्यापार संतुलन, तकनीकी स्थानांतरण, डेटा सुरक्षा और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
भारतीय व्यापारिक जगत में राहत
भारत में निर्यातकों और औद्योगिक संगठनों ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है। फिक्की और सीआईआई जैसे संगठन उम्मीद कर रहे हैं कि यह टालमटोल स्थायी समाधान का रास्ता खोल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये सात दिन दोनों देशों के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। यदि बातचीत सफल रहती है, तो टैरिफ स्थगित हो सकते हैं या पूरी तरह से रद्द भी किए जा सकते हैं। अन्यथा, एक हफ्ते बाद अमेरिका 25% शुल्क लागू कर सकता है, जिससे भारत के हजारों करोड़ के निर्यात पर असर पड़ सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक सहयोग लंबे समय से मजबूत रहा है। लेकिन हाल के दिनों में कुछ नीतिगत मतभेदों के कारण यह रिश्ता तनाव में आ गया था। अब अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने के फैसले को टालना एक राजनयिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है। भारत की ओर से भी बातचीत की प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश की जा रही है, जिससे आने वाले सप्ताह में कोई ठोस समाधान निकल सके।