
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह |
उत्तर बिहार में कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक गिरफ्तार, इलाके में राहत की लहर, एसपी स्वर्ण प्रभात की बड़ी कार्रवाई, अपराधी पर हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट सहित कई जिलों में दर्ज हैं गंभीर मामले।
पूर्वी चंपारण: उत्तर बिहार में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक को मोतिहारी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर हुई इस गिरफ्तारी से न केवल मोतिहारी बल्कि पूरे उत्तर बिहार में राहत की लहर दौड़ गई है। पाठक पर लंबे समय से रंगदारी मांगने और जमीनों पर अवैध कब्जा करने का आरोप था, जिससे आम जनता में भय का माहौल बना हुआ था।
गिरफ्तारी और आरोपों का विस्तृत ब्यौरा
मोतिहारी पुलिस ने मुकेश पाठक को रंगदारी और जमीन हड़पने के आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह कार्रवाई एसपी स्वर्ण प्रभात की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जो अपराध नियंत्रण के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाती है। आवेदक रणजीत कुमार की शिकायत पर मुकेश पाठक और उसके गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। रणजीत कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि मुकेश पाठक और उसके गुर्गों ने उनके भाई अर्जुन प्रसाद और भतीजे अभिषेक कुमार को खेसारी चौक स्थित सेंट्रल बैंक के सामने से अगवा कर लिया और फिर अपने ठिकाने पर ले जाकर बेरहमी से मारपीट की। इस घटना में इस्तेमाल की गई बोलेरो गाड़ी (रजि. नं. BR055A5711) को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है, जो अपराधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सबूत है। मुकेश पाठक के साथ उसके दो सहयोगी, अविनाश गिरी (29 वर्ष, रजुआ बखरी, मेहसी) और धीरज कुमार यादव (28 वर्ष, मंझन छपरा, मेहसी) को भी गिरफ्तार किया गया है, जो इस गिरोह के सक्रिय सदस्य बताए जाते हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और टीम का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए, वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर चकिया डीएसपी संतोष कुमार के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने 24 जुलाई, 2025 की रात को सघन छापेमारी की और अपराधियों को धर दबोचा। चकिया डीएसपी ने बताया कि यह गिरफ्तारी मेहसी थाना कांड संख्या 212/25 दिनांक 24.07.25 के तहत की गई है, जो रणजीत कुमार के लिखित आवेदन के आधार पर मुकेश पाठक (पिता ललन पाठक, मरुआबाद, जय बजरंग थाना) और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया था।
उत्तर बिहार का रक्तरंजित इतिहास: संतोष और मुकेश पाठक
उत्तर बिहार के अपराध जगत में संतोष पाठक और मुकेश पाठक का नाम एक खूनी अध्याय के रूप में दर्ज है। दरभंगा में एक इंजीनियर की हत्या ने उन्हें पहली बार सुर्खियों में ला दिया। इस घटना के बाद पैसे के बंटवारे को लेकर दोनों दोस्तों के बीच दरार आ गई, और अंततः मुकेश पाठक ने अपने ही साथी संतोष पाठक की हत्या कर उत्तर बिहार में अपनी क्रूर सत्ता स्थापित कर ली। उसके खिलाफ पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, दरभंगा, शिवहर और गोपालगंज के विभिन्न थानों में हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट, सरकारी काम में बाधा डालने और जेल से फरार होने जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं। उसके प्रमुख आपराधिक मामलों में मेहसी थाना कांड सं. 131/10 (हत्या और आर्म्स एक्ट), मेहसी थाना कांड सं. 34/03 (हत्या और आपराधिक साजिश), कल्याणपुर थाना कांड सं. 107/11 (रंगदारी), बहेड़ी थाना दरभंगा कांड सं. 270/15 (हत्या, रंगदारी और आपराधिक साजिश), और शिवहर थाना कांड संख्या 150/15 (जेल से फरार होने) शामिल हैं। उसके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के भी कई मामले दर्ज हैं, जो उसकी कानून तोड़ने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
आगे की राह
मुकेश पाठक और उसके साथियों की गिरफ्तारी से पूर्वी चंपारण समेत उत्तर बिहार के अन्य जिलों में अपराधियों पर लगाम कसने की उम्मीद जगी है। इस कार्रवाई से पुलिस का मनोबल बढ़ा है और आम जनता में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र से अपराध का पूरी तरह सफाया हो सके।