
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
ओडिशा: फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा की मौत से मचा बवाल, शिक्षक पर प्रताड़ना का आरोप, न्याय की मांग तेज
भुवनेश्वर: फकीर मोहन स्वयं शासित महाविद्यालय, बालेश्वर की एक छात्रा ने कॉलेज के एक शिक्षक की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था। तीन दिनों तक जीवन और मौत के बीच जूझने के बाद सोमवार रात 11:46 बजे AIIMS भुवनेश्वर में उसका निधन हो गया। यह खबर सामने आते ही अस्पताल परिसर में आक्रोश फैल गया।
सूत्रों के अनुसार, पीड़िता ने शनिवार को आत्महत्या का प्रयास किया था। गंभीर रूप से झुलसी छात्रा को AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया था, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही थी। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
छात्रा की मौत की खबर मिलते ही AIIMS परिसर में बड़ी संख्या में लोग जुट गए। बीजू जनता दल से जुड़ी कई महिलाएं उस एंबुलेंस को रोकने की कोशिश करती दिखीं, जिसमें छात्रा का शव ले जाया जा रहा था। हालात को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया है। कांग्रेस और बीजद के कई नेता और कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए लिखा, "पीड़िता को बचाने के लिए सरकार ने हरसंभव प्रयास किए। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और परिवार को विश्वास दिलाता हूं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राज्य अध्यक्ष मनमोहन सामल ने भी सोशल मीडिया पर शोक संवेदना प्रकट की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, जो सोमवार को एम्स भुवनेश्वर में दीक्षांत समारोह में शामिल होने आई थीं, उन्होंने खुद बर्न यूनिट जाकर डॉक्टरों से छात्रा की स्थिति की जानकारी ली थी।
मिली जानकारी के अनुसार, छात्रा का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह उसके पैतृक गांव, बालेश्वर जिले के भोगराई ब्लॉक स्थित पाल्सी में किया जाएगा। पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे तक गांव पहुंचने की संभावना है।
इस घटना ने ओडिशा की शिक्षा व्यवस्था और कॉलेजों में छात्र-शिक्षक संबंधों को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल, पूरे राज्य में इस मुद्दे पर रोष व्याप्त है और न्याय की मांग तेज होती जा रही है।