
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
खगड़िया, बिहार: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और खगड़िया की मिट्टी से जुड़े चिराग पासवान को गुरुवार को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। पार्टी के खगड़िया जिला इकाई से जुड़े 38 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एक साथ अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस सामूहिक इस्तीफे की वजह खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा की कार्यशैली, अमर्यादित व्यवहार और जिला अध्यक्ष नियुक्ति को बताया गया है।
इस घटनाक्रम ने पार्टी की जड़ें हिला दी हैं, खासकर इसलिए क्योंकि खगड़िया वही ज़िला है जहाँ दिवंगत नेता और पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी की नींव रखी थी।
क्या है पूरा मामला?
23 जुलाई को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को खगड़िया का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया। आरोप है कि यह नियुक्ति खगड़िया के वर्तमान सांसद राजेश वर्मा के इशारे पर की गई, जिससे पार्टी के पुराने और वरिष्ठ कार्यकर्ता बेहद नाराज हो गए।
नये जिलाध्यक्ष के विरोध में बलुआही में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले भर के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, प्रदेश महासचिव रतन पासवान, युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान, और सभी सात प्रखंड अध्यक्षों समेत कुल 38 नेताओं ने अपने-अपने पद से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।
इन पदाधिकारियों ने एक खुला पत्र भी जारी किया है जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं और शीर्ष नेतृत्व से भावनात्मक अपील की गई है कि वे जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं के सम्मान को बनाए रखें।
क्या बोले इस्तीफा देने वाले नेता?
पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव ने स्पष्ट कहा कि खगड़िया सांसद राजेश वर्मा कार्यकर्ताओं का निरंतर अपमान करते हैं और उनकी भाषा असंवैधानिक एवं अमर्यादित होती है। इसी कारण नेताओं में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा था।
प्रदेश महासचिव रतन पासवान ने कहा, “हम सब चिराग पासवान जी का आदर करते हैं, लेकिन सांसद और उनके प्रतिनिधियों का व्यवहार अब असहनीय हो चुका है। पार्टी की गरिमा और कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए यह सामूहिक फैसला लिया गया है।”
सांसद प्रतिनिधि ने दी सफाई
इधर, खगड़िया सांसद के प्रमुख प्रतिनिधि डॉ. पवन जायसवाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मनीष कुमार की नियुक्ति पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर हुई है और कुछ लोग निजी स्वार्थ के चलते अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की पूरी जानकारी पार्टी नेतृत्व को दी जा रही है।
राजनीतिक भविष्य पर सवाल
खगड़िया में लोजपा (रामविलास) का यह संकट आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति और संगठन पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। चिराग पासवान के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है क्योंकि पार्टी की नींव वाले जिले में ही असंतोष की लहर तेज होती दिख रही है।
अब देखना यह होगा कि चिराग पासवान और शीर्ष नेतृत्व इस संकट से कैसे निपटते हैं और क्या पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर कर पाते हैं या नहीं।