
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में गुरुवार को नक्सल उन्मूलन के मोर्चे पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली, जब पांच जिलों से कुल 66 नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 27 महिला नक्सली भी शामिल हैं और इनमें से कई पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के पांच जिलों; बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा—में गुरुवार को कुल 66 नक्सलियों ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले 49 नक्सलियों पर कुल 2.27 करोड़ रुपये का इनाम था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण ‘लोन वर्राटू’ (अपने घर लौट आओ) अभियान के तहत हुआ, जिसकी शुरुआत जून 2020 में की गई थी।
बीजापुर में 25 नक्सलियों ने सरेंडर किया, जिनमें से 23 पर कुल 1.15 करोड़ रुपये का इनाम था। दंतेवाड़ा में 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें लालू कुहराम और उसकी पत्नी मोटी पोतावी शामिल हैं, जिन पर क्रमशः 8 और 5 लाख रुपये का इनाम था। कांकेर में सरेंडर करने वाले 13 नक्सलियों पर कुल 62 लाख रुपये, जबकि नारायणपुर में सरेंडर करने वाले 8 नक्सलियों पर 33 लाख रुपये का इनाम था। सुकमा से 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली संगठन में चल रहे आंतरिक मतभेदों और निर्दोष आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों से निराश थे। नक्सलियों ने बताया कि माओवादी विचारधारा अब खोखली हो चुकी है और संगठन में नेताओं के बीच सत्ता को लेकर अंदरूनी संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी, और उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास के उपाय किए जाएंगे।