
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
अनुष्का यादव से जुड़े एक मामले के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाल दिया है। इसके बावजूद, तेज प्रताप खुद को 'अर्जुन' बताते हुए लगातार कह रहे हैं कि वह अपने भाई तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, हाल ही में तेज प्रताप की तेजस्वी के प्रति नाराजगी सामने आई है।
तेजस्वी 'दूध पीते बच्चे' नहीं हैं: तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव ने कहा कि रिश्ते बने रहने चाहिए, चाहे वह कृष्ण-बलराम की जोड़ी हो या कृष्ण-अर्जुन की, तभी सफलता मिलती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तेजस्वी को भी यह बात समझनी चाहिए, क्योंकि वह 'दूध पीते बच्चे' नहीं हैं, बल्कि दो बच्चों के पिता हैं। जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि तेजस्वी यह बात क्यों नहीं समझ पा रहे, तो तेज प्रताप ने कहा कि यह सवाल तेजस्वी से ही पूछा जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर तेजस्वी अभी नहीं समझते हैं, तो उन्हें अंततः यह समझ आ जाएगा कि उनके भाई जो कह रहे हैं वह सही है।
'अभी तो तेजस्वी ही लीडर हैं'
तेज प्रताप ने अपने पिता लालू यादव को याद करते हुए कहा कि जब उनके पिता सत्तू खाते थे, तो वे दोनों भाइयों को अपनी गोद में बिठाकर खिलाते थे। जब पत्रकार ने पूछा कि फिर भी लालू यादव ने उन्हें बाहर का रास्ता क्यों दिखाया, तो तेज प्रताप ने जवाब दिया, "आपका चैनल तो दिखाता रहता है कि आलाकमान कौन है? अभी तो तेजस्वी लीडर हैं। कौन पार्टी चला रहा है?"
'लालू जी ट्विटर नहीं चलाते'
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि लालू यादव से उनके खिलाफ आदेश निकलवाया गया है, तेज प्रताप ने स्पष्ट किया, "मेरे पिताजी ट्विटर थोड़ी लिखते हैं, समझने वाला समझे। हम अपने पिता, मां, बहन या भाई किसी को दोष नहीं दे रहे हैं। हम तो चाहते हैं कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बनें।"
तेज प्रताप यादव ने यह भी कहा कि आगामी चुनावों में वह 'किंगमेकर' की भूमिका में रहना चाहते हैं, और इसके लिए वह अपनी 'टीम तेज प्रताप यादव' को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी में कई ऐसे 'जयचंद' हैं जो उन्हें और तेजस्वी को अलग करना चाहते हैं।