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तेजस्वी ने चिराग को घेरा : ‘हनुमान बने रहने की मजबूरी क्यों?

स्टेट डेस्क,श्रेयांश पराशर |
बिहार की सियासत में एक बार फिर तीखा वार-पलटवार देखने को मिला है। चिराग पासवान द्वारा राज्य सरकार पर निशाना साधने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने करारा जवाब देते हुए चिराग की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर चिराग खुद को ‘हनुमान’ मानते हैं तो फिर ऐसे मुख्यमंत्री का समर्थन क्यों कर रहे हैं जो कानून-व्यवस्था संभालने में असमर्थ है?

केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने हाल ही में बिहार में बढ़ते अपराधों को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सरकार की विफलता पर अफसोस जताते हुए कहा कि वे ऐसी सरकार का समर्थन कर रहे हैं जिससे वह खुद संतुष्ट नहीं हैं। इसी बयान पर अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

तेजस्वी ने कहा कि सिर्फ अफसोस जताने और बयान देने से कुछ नहीं होगा। अगर चिराग को लगता है कि सरकार विफल है तो वे खुलकर सामने क्यों नहीं आते? उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “आखिर हनुमान बने रहने की क्या मजबूरी है?” तेजस्वी ने चिराग की राजनीतिक स्थिरता और ताकत पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उनके पास जिगर होता तो खुद को मुख्यमंत्री पद के लिए सामने रखते।

तेजस्वी ने यह भी याद दिलाया कि जिनके पिता की तस्वीरों को तोड़ा गया, जिनका बंगला छीना गया, पार्टी का चुनाव चिह्न तक छीन लिया गया — वे अगर आज भी सरकार का समर्थन कर रहे हैं, तो यह उनकी कमजोरी को दर्शाता है।

तेजस्वी ने चिराग पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे गठबंधन में भी हैं, सरकार की आलोचना भी कर रहे हैं और फिर भी हाथ बांधकर खड़े हैं। उन्होंने चिराग से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि वे अपना स्टैंड साफ करें, अफसोस जताने से राजनीति नहीं चलती।