पाकिस्तानी ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अर्शद नदीम का छलका दर्द: जो ज़मीन के प्लॉट थे, वो सब झूठे वादे निकले

विदेश डेस्क, ऋषि राज ।
पाकिस्तान के स्टार जैवेलिन थ्रोअर और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अर्शद नदीम ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए वादे महज़ खोखले निकले और उन्हें अब तक वह सम्मान और सुविधाएं नहीं मिलीं जिनका आश्वासन दिया गया था।
सरकार ने नहीं निभाए वादे
अर्शद नदीम ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद शहबाज शरीफ सरकार की ओर से जो वादे किए गए थे, वे आज तक अधूरे हैं। उन्होंने खासतौर पर भूमि (प्लॉट) देने के वादे को लेकर गहरी नाराजगी जताई और कहा:
"जो ज़मीन के प्लॉट थे, वो सब झूठे वादे निकले।"
अर्शद नदीम ने सोशल मीडिया और इंटरव्यूज के माध्यम से अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को केवल चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जब वे देश का नाम रोशन करते हैं, तब उन्हें भूल जाना सरकार की आदत बन चुकी है।
उन्होंने बताया कि उन्हें न वो आर्थिक सहायता मिली, न नौकरी और न ही आवासीय सुविधा, जो सरकार ने ओलंपिक जीतने के बाद सार्वजनिक रूप से देने का वादा किया था। उनका कहना है कि ये झूठे वादे उन्हें और देश के तमाम युवाओं को हतोत्साहित करते हैं।
सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना
इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। यूज़र्स अर्शद नदीम के समर्थन में उतर आए हैं और #JusticeForArshad ट्रेंड करने लगा है।
अर्शद नदीम पाकिस्तान के पहले एथलीट हैं जिन्होंने जैवेलिन थ्रो में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया में अपने शानदार प्रदर्शन से नाम कमाया। पर अब उनकी कहानी उन तमाम खिलाड़ियों की दुखद सच्चाई बयां करती है जिन्हें सम्मान और संसाधनों की बजाय वादों की झूठी चादर ओढ़ाकर छोड़ दिया जाता है।