
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
पाकिस्तानी साजिश से जुड़ा खुलासा: ISI के इशारे पर लश्कर ने रचा पहलगाम हमले का प्लान, सिर्फ विदेशी आतंकी किए गए शामिल...
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की गहरी साजिश सामने आई है। खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ISI ने लश्कर के वरिष्ठ कमांडर साजिद जट्ट को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जम्मू-कश्मीर में केवल विदेशी आतंकियों को ही तैनात किया जाए। इस ऑपरेशन में किसी स्थानीय (कश्मीरी) आतंकी को शामिल नहीं किया गया, ताकि हमले के बाद जांच एजेंसियां किसी स्थानीय नेटवर्क तक न पहुंच सकें और गोपनीयता बनी रहे।
हमले की पूरी योजना पाकिस्तान में बनी
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, ISI ने यह योजना खास तौर पर अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले तैयार की थी, ताकि क्षेत्र में अस्थिरता फैलाई जा सके और भारत की सुरक्षा तैयारियों को चुनौती दी जा सके। साजिद जट्ट, जोकि लश्कर के ऑपरेशनल हेड्स में से एक है, उसे ये निर्देश दिए गए थे कि सिर्फ विदेशी आतंकियों को घाटी में भेजा जाए, जो किसी भी प्रकार की स्थानीय पहचान से बच सकें।
यह हमला पहलगाम के पास उस समय हुआ जब एक निजी पर्यटक वाहन को निशाना बनाकर आतंकियों ने फायरिंग और ग्रेनेड से हमला किया। हमले में 4 लोगों की मौत और 6 अन्य घायल हो गए थे। इसमें एक स्थानीय ड्राइवर भी घायल हुआ था, जिसकी बहादुरी से गाड़ी खाई में गिरने से बच गई, जिससे और बड़ा नुकसान टल गया।
आतंकी सीमा पार से घुसपैठ कर आए
जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, हमले को अंजाम देने वाले सभी आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से घुसपैठ कर दक्षिण कश्मीर पहुंचे थे। इन्हें स्थानीय लश्कर नेटवर्क ने लॉजिस्टिक सहायता दी, लेकिन हमले में शामिल नहीं किया गया। इससे यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान की मंशा थी कि हमले के बाद कोई स्थानीय कश्मीरी पकड़ में न आए, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति कमजोर की जा सके।
राजनीतिक शह पर काम कर रहे हैं आतंकी
एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक नेताओं और सैन्य जनरलों की भी भूमिका मानी जा रही है, जिन्होंने आतंकी संगठनों को भारत में अशांति फैलाने के लिए खुली छूट दी है। ISI और लश्कर-ए-तैयबा के बीच हुई कुछ इंटरसेप्ट कॉल्स से यह जानकारी मिली है कि यह पूरी योजना पाकिस्तानी राजनीतिक नेतृत्व की शह पर बनाई गई थी।
सेना और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
हमले के बाद भारतीय सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूरे इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन तेज कर दिया है। एनकाउंटर में दो विदेशी आतंकी मारे गए, जबकि बाकी की तलाश जारी है। सेना ने दावा किया है कि जल्द ही इस हमले के मास्टरमाइंड को भी निशाना बनाया जाएगा।
सरकार ने दिया कड़ा संदेश
भारत सरकार ने इस हमले को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि भारतीय नागरिकों पर हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस हमले को उठाने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करवाने की प्रक्रिया को बल मिल सके।
पहलगाम हमला एक बार फिर इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की जमीन से भारत के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। लश्कर जैसे आतंकी संगठन ISI के संरक्षण में भारतीय जमीन को अस्थिर करने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन भारतीय सुरक्षाबल पूरी तरह से सतर्क हैं और हर साजिश को करारा जवाब देने में सक्षम हैं।