
स्टेट डेस्क, श्रेया पांडेय |
28 जुलाई 2025 को उत्तर प्रदेश के बड़बंकी जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र में स्थित अवसनेश्वर महादेव मंदिर के पास एक जन्म-जन्माओंदा ‘जलाभिषेक’ अनुष्ठान के दौरान एक भयावह घटना घटी। सूचना के मुताबिक, सावन के सोमवार की रात रात्रि लगभग 2 .00 बजे, जब श्रद्धालु भगवान शिव को जलाभिषेक कर रहे थे, अचानक एक पुराना बिजली का तार टूटकर मंदिर परिसर में स्थित टिन की छत पर गिर गया। यह तार संभवतः किसी बंदर द्वारा खींचे जाने के कारण टूट गया था, जिससे तार गिरते ही उसमें करंट चला और आसपास खड़े लोगों में भय का माहौल पैदा हुआ।
इस करंट झटके से कई लोग झटके महसूस कर चौंक गए, जिसके बाद भीड़ में अफरा‑तफरी मच गई, और लोग इधर-उधर भागने लगे। यह सन्निकट परिस्थितियों में एक भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें लोगों में डर और घबराहट ने हालात को और विकराल बना दिया।
स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट शशांक त्रिपाठी ने बताया कि हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि लगभग 19 से 29 अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को तत्काल पास के हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें उच्च चिकित्सा सुविधा वाले अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया।
चिकित्सा अधिकारी अवधेश कुमार यादव के अनुसार, हैदरगढ़ CHC में लाए गए अधिकांश मरीजों की हालत स्थिर है, जबकि त्रिवेदीगंजj CHC में लाए गए कुछ लोग गंभीर रूप से घायल बताए गए। डॉक्टरों ने बताया कि 10 लोग त्रिवेदीगंज में भर्ती थे, जिनमें से दो को मृत घोषित किया गया और बाकी की स्वास्थ्य स्थिति सुधार रही है ।
इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की एवं अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य तेज करने एवं घायल श्रद्धालुओं का उचित इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदार होगा, उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर होने वाली भीड़ प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर किया है। सावन के दिनों में पूजा-अर्चना हेतु श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, लेकिन उचित सुरक्षा प्रबंध एवं आपदा प्रतिक्रिया योजना अक्सर नदारद रहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मंदिरों के आसपास पुरानी बिजली लाइन, अधिकारहीन संरचनाएं और ट्रैफिक व भीड़ नियंत्रण निष्क्रियता मिलकर ऐसी घातक परिस्थितियों को जन्म देती हैं।
अब प्रशासन ने स्थल की पड़ताल शुरू कर दी है और उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है ताकि कारणों की निष्पक्ष जांच हो सके। साथ ही मंदिर परिसर की व्यवस्था में सुधार, बिजली संरचना की मरम्मत एवं भीड़ प्रवाह नियंत्रण के लिए ठोस सुरक्षा उपाय लागू करने की बात कही जा रही है।
श्रद्धालुओं में इस घटना के बाद शोक का माहौल व्याप्त है। मृतकों के घरों में मातम पसरा हुआ है और घायल परिवार तनावग्रस्त हैं। इस हादसे ने धार्मिक आयोजनों में मानवीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता को पुनः उजागर कर दिया है।