
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शेष सीटों पर महागठबंधन के अन्य घटक दलों के उम्मीदवार मैदान में होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव होंगे, जबकि उपमुख्यमंत्री की कुर्सी अतिपिछड़ा समाज के एक मल्लाह समुदाय के नेता को दी जाएगी।
पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने इस संबंध में सोमवार को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर एक पोस्ट साझा की। इसमें उन्होंने न केवल 60 सीटों पर लड़ने की बात दोहराई, बल्कि यह भी कहा कि बिहार में आगामी सरकार महागठबंधन की ही बनेगी। उन्होंने दावा किया कि “2025 में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे और उनके साथ एक मल्लाह का बेटा उपमुख्यमंत्री होगा।”
यह कोई पहला मौका नहीं है जब सहनी ने सीटों की इतनी संख्या में दावेदारी की है। इससे पहले भी कई मंचों पर वह वीआईपी को मजबूत स्तंभ के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं।
दूसरी ओर, चुनावी तैयारियों में आरजेडी प्रमुख और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं। खबर है कि इस बार वह ‘निश्चय रथ’ पर सवार होकर चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे। यह रथ पहले भी 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहारशरीफ से शुरू हुए रोड शो में इस्तेमाल किया जा चुका है।
हाल ही में जब तेजस्वी मधुबनी दौरे पर थे, तब वह वहां पहले से उपलब्ध निश्चय रथ पर कुछ देर के लिए सवार भी हुए थे। माना जा रहा है कि इसी रथ से वह विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए भी निकलेंगे।
निश्चय रथ हरियाणा में तैयार किया गया है और यह अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें हाइड्रोलिक सिस्टम की मदद से रथ की छत को ऊंचा किया जा सकता है, जिससे नेता जनता को सीधे संबोधित कर सकें।
रथ की छत पर सुरक्षा रेलिंग और फ्लड लाइट लगी है, जिससे रात में भी रोड शो और जनसंपर्क अभियान को प्रभावी रूप से अंजाम दिया जा सके। इसके अलावा, एडजस्टेबल कुर्सी और अत्याधुनिक साउंड सिस्टम भी इसमें लगाया गया है।
वीआईपी का 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला और तेजस्वी यादव के समर्थन में किया गया ऐलान यह दर्शाता है कि महागठबंधन की अंदरूनी रणनीति धीरे-धीरे सार्वजनिक हो रही है। वहीं, निश्चय रथ से चुनाव प्रचार एक बार फिर बिहार में हाईटेक प्रचार की झलक देगा। अब देखना यह होगा कि इन घोषणाओं और तैयारियों का चुनावी नतीजों पर कितना असर पड़ता है।