
लोकल डेस्क, वेरोनिका राय |
बिहार के पूर्णिया में मतांतरण रैकेट का भंडाफोड़: अनिल राय गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार...
यूपी के बाद अब बिहार में भी बड़े मतांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है। पूर्णिया जिले के बायसी थाना क्षेत्र के माला हरिणकोल गांव में ग्रामीणों और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) तथा बजरंग दल के संयुक्त प्रयास से इस रैकेट का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में अनिल राय उर्फ अनिल दादा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो लंबे समय से कथित रूप से हिंदू परिवारों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए आर्थिक और अन्य प्रलोभन दे रहा था।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, अनिल राय गांव में खुद को एक बाबा की छवि में प्रस्तुत करता था और ईसाई मिशनरियों के प्रभाव में काम कर रहा था। वह आसपास के ग्रामीणों को आर्थिक सहायता, चिकित्सा सुविधाएं और अन्य प्रकार के लाभ देने का वादा कर उनका मतांतरण करवाने की कोशिश कर रहा था। ग्रामीणों का आरोप है कि यह गतिविधि पिछले साल से ही चल रही थी, लेकिन पहले शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
शनिवार को जब अनिल राय एक बार फिर मतांतरण के लिए लोगों को एकत्र कर रहा था, तब इसकी सूचना अमौर प्रखंड के विहिप अध्यक्ष अरुण शर्मा को मिली। उन्होंने तुरंत जिला मंत्री राणा गौतम सिंह और अन्य विहिप कार्यकर्ताओं को सूचित किया। विहिप और बजरंग दल की टीम जब गांव पहुंची तो वहां मतांतरण की तैयारी चल रही थी। ग्रामीणों की सहायता से अनिल राय को पकड़ा गया और बायसी थाना पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने अनिल राय को हिरासत में ले लिया। मौके से एक बाइबिल, मतांतरण संबंधी एक डायरी और कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि मतांतरण के लिए प्रत्येक परिवार को 20,000 रुपये तक का प्रलोभन दिया जा रहा था। गांव की मीना देवी के आवेदन पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस रैकेट का एक और मुख्य साजिशकर्ता उमेश राम, जो गांव से भाग निकला, अब फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा छापेमारी की जा रही है।
इस कार्रवाई में विहिप के कई वरिष्ठ पदाधिकारी जैसे जिला उपाध्यक्ष मृत्युंजय महान, समरसता प्रमुख रंजन कुणाल, मठ मंदिर प्रमुख अमित शाह, मिलन केंद्र प्रमुख चंदन राज, सहमंत्री सोहन कुमार चौधरी, सत्संग प्रमुख संजय राय, और आरएसएस से मुरली गुप्ता, संतोष सिंहा आदि शामिल रहे।
ग्रामीणों और संगठनों की सतर्कता व सक्रियता से एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने बिहार में धार्मिक मतांतरण के खतरनाक पहलू को उजागर किया है। पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच गहराई से की जा रही है और अन्य नामजद आरोपियों की तलाश जारी है।