
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष के तीखे विरोध और नारेबाजी के चलते शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही। अंततः दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राज्यसभा में भारी हंगामा किया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग करते हुए कार्यवाही में व्यवधान डाला, जिससे सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी और अंत में इसे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
कार्यवाही की शुरुआत से ही विपक्षी सदस्य नाराजगी जाहिर करते हुए एसआईआर को लेकर "वोट चोरी बंद करो", "एसआईआर पर हल्ला बोल" जैसे नारे लगाने लगे। उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें विभिन्न दलों से 30 कार्य स्थगन प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें बिहार के अलावा ओडिशा में महिलाओं पर हिंसा, बंगाल के श्रमिकों के साथ भेदभाव, छत्तीसगढ़ में नन की गिरफ्तारी, अमेरिकी आयात शुल्क, और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कर्मचारियों की छुट्टी जैसे मुद्दे शामिल हैं।
बावजूद इसके, विपक्ष का हंगामा और नारेबाजी नहीं रुकी। मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा जवाब देने की कोशिश भी नाकाम रही क्योंकि कुछ सुनाई नहीं दे सका। उपसभापति ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और एसआईआर से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती।
हालात को देखते हुए उपसभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।