
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
उत्तर बिहार में बिजली उपकरणों की खराब गुणवत्ता उजागर होने के बाद पूरे राज्य की बिजली परियोजनाओं की जांच का आदेश दिया गया है। सभी उपकरणों की गुणवत्ता की जांच कर दोषी एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
बिहार में चल रही बिजली परियोजनाओं में घटिया और खराब उपकरण लगाए जाने की शिकायतों के बाद अब राज्यभर की सभी योजनाओं की जांच का फैसला लिया गया है। यह निर्णय उत्तर बिहार के मोतिहारी में पुनरोद्धार वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के तहत हो रहे कार्यों में खराब उपकरण पाए जाने के बाद लिया गया।
कंपनी ने पोल, पावर ट्रांसफॉर्मर, मीटर, वितरण ट्रांसफॉर्मर, सर्किट ब्रेकर, एबी केबल, ओवरहेड कंडक्टर, इंसुलेटर जैसे सभी उपकरणों की गुणवत्ता जांच कराने का आदेश दिया है। किसी भी उपकरण की गुणवत्ता संदेहास्पद पाए जाने पर उसे हटाकर दोबारा जांच की जाएगी। दोषी एजेंसियों को पांच वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और उनके द्वारा लगाए गए उपकरणों के लाने-ले जाने का खर्च भी उन्हीं से वसूला जाएगा।
इस पूरे मामले में तत्कालीन सीएमडी पंकज कुमार पाल के निर्देश पर मुख्य अभियंता मुर्तुजा हैल्लाल ने उत्तर और दक्षिण बिहार के सभी एमडी को पत्र जारी कर जांच प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। सभी केंद्रीय और बाह्य संपोषित योजनाओं की परियोजनाएं इस दायरे में आएंगी।
स्थानीय इंजीनियरों की लापरवाही के कारण मोतिहारी में हुई जांच में कई उपकरणों की गुणवत्ता खराब पाई गई थी। 11 से 13 अप्रैल के बीच जांच की गई थी, जिसमें ट्रांसफॉर्मर और एरियल बंच केबल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए। अब राज्य में गुणवत्तापूर्ण 24 घंटे बिजली सेवा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।