
विदेश डेस्क, श्रेयांश पराशर|
नेपाल के शीर्ष अधिकारियों और रणनीतिक विशेषज्ञों ने चेताया है कि पाकिस्तानी आतंकी भारत में घुसपैठ के लिए नेपाल की जमीन और सीमावर्ती रास्तों का उपयोग कर सकते हैं। हाल ही में काठमांडू में आयोजित एक उच्च स्तरीय सेमिनार में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा।
काठमांडू में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संगोष्ठी में नेपाल और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने दक्षिण एशिया में बढ़ते आतंकवाद को लेकर गहरी चिंता जताई। नेपाल के पूर्व रक्षा मंत्री मिंत्रेंद्र रिजाल ने कहा कि भारत में होने वाले आतंकी हमलों का असर नेपाल की आंतरिक सुरक्षा पर भी पड़ता है।
नेपाल के राष्ट्रपति के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को भारत में हमलों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ये संगठन नेपाल को भारत पर हमले के लिए आवाजाही मार्ग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे नेपाल की सुरक्षा भी खतरे में आ सकती है।
कार्यक्रम में एनआईआईसी के निदेशक डॉ. प्रमोद जायसवाल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के एक बयान का हवाला दिया, जिसमें स्वीकार किया गया कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को शरण और फंड देता है। साथ ही, भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की प्रशंसा करते हुए इसे सीमापार आतंक के खिलाफ एक साहसिक कदम बताया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री के सलाहकार डॉ. दिनेश भट्टराई ने पुलवामा हमले की भांति हाल ही में हुए पहलगाम हमले को वर्षों में सबसे घातक करार दिया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल थीं। इसके जवाब में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया।