
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर भारत इस सप्ताह के अंत तक अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप नहीं देता है, तो भारत को 25% तक आयात शुल्क का सामना करना पड़ सकता है।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "हां, मुझे लगता है कि ऐसा होगा," जब उनसे पूछा गया कि यदि कोई समझौता नहीं होता तो क्या भारत पर उच्च शुल्क लगाए जाएंगे। अमेरिका ने 1 अगस्त की समयसीमा तय की है, जिसमें भारत सहित कुछ देशों को या तो व्यापार समझौते पर सहमत होना होगा या फिर भारी शुल्कों का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप ने कहा, "भारत एक अच्छा दोस्त रहा है, लेकिन भारत ने दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाए हैं। लेकिन अब मैं ज़िम्मेदारी में हूं, और आप ऐसा नहीं कर सकते।"
उन्होंने भारत के व्यापार रवैये को "टैरिफ किंग" और "व्यापार संबंधों का बड़ा दुरुपयोगकर्ता" कहा।
टैरिफ यानी आयात शुल्क वो टैक्स होता है जो एक देश दूसरे देश से आयातित वस्तुओं पर लगाता है। अमेरिका लंबे समय से भारत के टैरिफ को अत्यधिक बताता आया है। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत अपने घरेलू बाज़ार को अमेरिका के लिए और ज़्यादा खोले, खासतौर पर कृषि और डेयरी सेक्टर में।
लेकिन भारत इसपर सावधानी से आगे बढ़ रहा है। कृषि क्षेत्र भारत के लिए संवेदनशील मुद्दा है, क्योंकि यह देश की खाद्य सुरक्षा, किसानों की आजीविका और करोड़ों छोटे किसानों के हितों से जुड़ा हुआ है।
बातचीत जारी लेकिन सहमति अधूरी
पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के अधिकारी व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं। कभी सकारात्मक संकेत मिलते हैं, तो कभी सतर्कता की बात होती है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर ने हाल ही में कहा, "हम भारतीय अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रहे हैं, और हमेशा रचनात्मक संवाद हुआ है।" लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की व्यापार नीति लंबे समय से संरक्षणवादी रही है, जिसमें घरेलू बाज़ार की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
पियूष गोयल बोले - किसानों का हित सर्वोपरि
भारतीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत कृषि क्षेत्र में विदेशी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देगा। “हमारे किसान हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और हम उनके हितों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ "महत्वपूर्ण साझेदारी" की दिशा में "शानदार प्रगति" हो रही है और वह जल्द ही किसी ठोस परिणाम की उम्मीद करते हैं।
भारत ने पहले ही कुछ टैरिफ घटाए
भारत ने अमेरिकी व्हिस्की, मोटरसाइकिल सहित कुछ उत्पादों पर टैरिफ में कटौती की है, लेकिन अमेरिका अब भी भारत के साथ $45 अरब डॉलर का व्यापार घाटा झेल रहा है, जिसे ट्रंप कम करना चाहते हैं।
व्यापार आंकड़े और लक्ष्य
2024 तक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार $190 अरब तक पहुंच गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप ने इस आंकड़े को बढ़ाकर $500 अरब तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अब निर्णायक मोड़ पर है। 1 अगस्त की डेडलाइन नज़दीक है और यदि कोई समझौता नहीं होता, तो भारत को भारी टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भारत अपनी स्थिति पर कायम है, जबकि अमेरिका व्यापक बाज़ार पहुंच की मांग कर रहा है।