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मनोकामना सिद्ध हनुमान आश्रम में विराजा अद्भुत पंचलाख रुद्राक्ष शिवलिंग

लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |

मनोकामना सिद्ध हनुमान आश्रम में विराजा अद्भुत पंचलाख रुद्राक्ष शिवलिंग: लाखों भक्तों ने किया रुद्राभिषेक, चार धाम यात्रा का पुण्य प्राप्त।

मोतिहारी श्रावण मास की दूसरी सोमवारी जो एकादशी के पावन दिन भी थी, उक्त तिथि को लेकर शहर से गांव तक के विभिन्न मठ सवालों मंदिरों में श्रद्धालुओं का पता लग रहा और हर-हर महादेव की जय घोष से गुंजन मन हुआ। वही शहर के मनोकामना सिद्ध हनुमान आश्रम में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने विश्व के पहले पांच लाख रुद्राक्ष से निर्मित गोल्ड प्लेटेड शिवा मुखाकृति शिवलिंग पर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक कर पुण्य कमाया। यह अद्वितीय शिवलिंग अपनी विशेष पूजा-अर्चना व्यवस्था के कारण भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
प्रमुख आकर्षण:
 विश्व का पहला अनोखा शिवलिंग: यह पांच लाख रुद्राक्ष से बना गोल्ड प्लेटेड शिवा मुखाकृति शिवलिंग विश्वभर में अपनी तरह का पहला है। इस पर भक्तों को सीधे पूजा, रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने की अनुमति है, जो इसे और भी खास बनाता है। अभूतपूर्व फल की प्राप्ति: मान्यता है कि इस रुद्राक्ष शिवलिंग पर एक बार जल चढ़ाने या रुद्राभिषेक करने से चार धाम यात्रा के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। पिछले पांच वर्षों में लाखों भक्तों ने यहां आकर मनोवांछित फल प्राप्त किया है।

रुद्राक्ष स्वयं शिव का स्वरूप: चूंकि रुद्राक्ष को भगवान शिव का साक्षात स्वरूप माना जाता है, इसलिए इस रुद्राक्ष शिवलिंग पर पूजा करना शिव की प्रत्यक्ष आराधना के समान है।

श्रावण मास में विशेष आयोजन:
इस वर्ष का श्रावण मास ग्रहों के विशेष प्रभाव के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आचार्य डॉ. शंभुनाथ सीकरीया द्वारा श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को प्रातः 08 बजे से निःशुल्क रुद्राभिषेक कराया जा रहा है। भक्त अपनी पूजा सामग्री ला सकते हैं या आश्रम द्वारा उपलब्ध कराए गए हरिद्वार के गंगाजल और बेलपत्र का उपयोग कर सकते हैं। जो भक्त अपने पंडित से रुद्राभिषेक कराना चाहें, वे निःशुल्क स्थान और समय आरक्षित करा सकते हैं।
राष्ट्रहित और व्यक्तिगत कल्याण के लिए आह्वान:
वर्तमान समय में ग्रहों के प्रभावों को देखते हुए, आचार्य डॉ. सीकरीया ने सभी से ब्रह्मचर्य का पालन करने और भगवान शिव की आराधना करने का आग्रह किया है। साथ ही, माताओं और बहनों से व्रत रखने का भी निवेदन किया गया है, ताकि उनके प्रयासों से राष्ट्र और व्यक्तिगत जीवन में सुख-शांति आए।