
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशसर |
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शाहापुर स्थित रतनबाई दामानी स्कूल में छात्राओं के साथ किए गए अमानवीय और शर्मनाक व्यवहार से पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया है। मासिक धर्म की जांच के नाम पर 6वीं से 10वीं तक की 125 छात्राओं से कपड़े उतरवाकर उनकी तलाशी ली गई। अब इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों पर POSCO एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शाहापुर स्थित रतनबाई दामानी स्कूल में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्कूल प्रशासन की संवेदनहीनता उजागर की है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल के शौचालय में खून के धब्बे मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन ने मासिक धर्म की जांच के नाम पर करीब 125 छात्राओं से कपड़े उतरवाकर तलाशी ली।
घटना में केवल कपड़े उतरवाना ही नहीं, बल्कि छात्राओं के फिंगरप्रिंट लेना और दीवार पर लगे खून के धब्बों की तस्वीरें प्रोजेक्टर पर दिखाना भी शामिल था। इस पूरे घटनाक्रम ने छात्राओं को मानसिक रूप से झकझोर दिया। कई बच्चियां डरी-सहमी हालत में रोते हुए घर पहुंचीं और परिजनों को आपबीती सुनाई।
घटना के बाद गुस्साए अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा किया और स्थानीय पुलिस थाने में धरना दिया। अभिभावकों की मांग थी कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और प्रिंसिपल को तत्काल बर्खास्त किया जाए। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए स्कूल की प्रिंसिपल, चार शिक्षक, दो ट्रस्टी और एक आया सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ POSCO एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि पानी की कमी के कारण छात्राओं ने अनजाने में दीवार पर खून पोछा था, जिसे स्कूल प्रशासन ने संवेदनशीलता से संभालने के बजाय शर्मनाक और अमानवीय रूप में निपटाया।
इस घटना ने न केवल छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया कि मासिक धर्म जैसे सामान्य जैविक प्रक्रिया को लेकर समाज में कितनी गलतफहमियां और संवेदनहीनता अब भी मौजूद है।