
लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |
मारवाड़ी महिला सम्मेलन ने रक्सौल में किया "सुरंगों सावन" मेले का भव्य आयोजन: परम्परा और सौहार्द का संगम
रक्सौल: अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन, रक्सौल इकाई ने रविवार को शहर के बैंक रोड स्थित सत्यनारायण मारवाड़ी पंचायती मंदिर परिसर में अपने वार्षिक सावन मेले "सुरंगों सावन" का शानदार आयोजन किया। यह मेला, जो लगातार सातवें वर्ष आयोजित किया गया, मारवाड़ी समाज की महिलाओं के बीच परम्परा, प्रेम और सौहार्द का प्रतीक बन गया है।
आयोजन और उद्देश्य
सम्मेलन की अध्यक्षा श्रीमती सोनू काबरा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम का सफल संचालन पूर्व अध्यक्षा वीणा गोयल ने किया। हर साल सावन के महीने में लगने वाला यह परम्परागत मेला रक्सौल और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। अध्यक्षा श्रीमती सोनू काबरा और सचिव संगीता धानोठिया ने संयुक्त रूप से बताया कि यह आयोजन संस्था के वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में किया जाता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सावन का महीना धार्मिक महत्व और प्रकृति की नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर होता है, और ऐसे आयोजनों से समाज में आपसी प्रेम और सौहार्द की भावना और अधिक बढ़ती है।
मेले के मुख्य आकर्षण
"सुरंगों सावन" मेले में विभिन्न स्टॉलों पर लोगों ने जमकर खरीदारी की। मेले का मुख्य आकर्षण राधा कृष्ण झूला और लड्डू गोपाल के सुंदर वस्त्र रहे। समाज की महिलाओं द्वारा लगाए गए इन स्टॉलों में चटपटे व्यंजनों, श्रृंगार सामग्री, आकर्षक सजावटी और कलात्मक सामान, पूजा सामग्री, रंग-बिरंगी फैंसी राखियां, लुम्बा, लेडीज कुर्ती, साड़ियां, नए फैशन के लेडीज सूट और दुपट्टे के साथ विभिन्न गृहपयोगी सामान उपलब्ध थे। इसके साथ ही, मनोरंजक गेम का भी आयोजन किया गया, जिसने सभी का खूब मनोरंजन किया।
सामाजिक सरोकार और योगदान
महिला सम्मेलन की अनुराधा शर्मा ने बताया कि इस मेले से होने वाली आय का उपयोग महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों की मदद, आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय लोगों को सहायता, महादलित बस्ती में बच्चों की शिक्षा, और पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन जैसे कार्य शामिल हैं। यह दर्शाता है कि मारवाड़ी महिला सम्मेलन न केवल परम्पराओं को जीवित रख रहा है, बल्कि समाज के कल्याण के लिए भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।
सफल आयोजन में योगदान
इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने में संगीता अग्रवाल, अनुजा अग्रवाल, सुशीला धानोठिया, अनुराधा शर्मा, रचना रूँगटा, मीना भरतिया, शशि अग्रवाल, शिखा रंजन, सुमन अग्रवाल, संगीता रूँगटा, सुनीता शाह, नीलम खेतान, बबली अग्रवाल, सरिता शर्मा और मधु अग्रवाल सहित सम्मेलन की अन्य सभी सदस्यों ने उल्लेखनीय योगदान दिया।
यह मेला एक बार फिर रक्सौल में मारवाड़ी समाज की महिलाओं की एकजुटता और सामाजिक चेतना का प्रतीक बन गया।