
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर|
मेघालय में 4,000 टन कोयला गायब, मंत्री बोले – बारिश में बह गया होगा, हाईकोर्ट ने जताई सख्त नाराज़गी
मेघालय में 4,000 टन से अधिक कोयले के गायब होने पर राज्य सरकार की सफाई पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। एक मंत्री द्वारा दिया गया यह बयान कि "बारिश में कोयला बह गया होगा", अब राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
मेघालय सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है, जब राज्य में 4,000 टन से अधिक कोयले के रहस्यमय तरीके से गायब होने का मामला सामने आया। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार की ओर से दी गई सफाई और मंत्रियों के बयान ने विवाद को और गहरा कर दिया है।
28 जुलाई, 2025 को एक मंत्री ने कहा कि यह संभव है कि राज्य में हुई भारी बारिश की वजह से कोयला बह गया हो। इस बयान ने न सिर्फ जनता बल्कि न्यायपालिका को भी हैरान कर दिया। हाईकोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है।
कोर्ट ने उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिनकी निगरानी में यह कोयला कथित तौर पर गायब हुआ। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राकृतिक आपदा के नाम पर ऐसे घोटाले छिपाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस घटना ने राज्य में खनन से जुड़े भ्रष्टाचार और लापरवाह प्रशासकीय रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में क्या ठोस कदम उठाती है या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह समय के गर्त में खो जाएगा।