
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह |
दिनदहाड़े तीसरी बार लूट के शिकार बने संजय कुमार, क्या कोई गैंग बना चुका है खास टारगेट?
पूर्वी चंपारण: मोतिहारी में अपराधियों ने शुक्रवार की सुबह उस वक्त सनसनी फैला दी, जब शहर के सबसे व्यस्ततम जनता चौक के पास हथियारों से लैस नकाबपोश लुटेरों ने एक हवाला कारोबारी से 10 लाख रुपये लूट लिए। वारदात इतनी सटीक और बेखौफ तरीके से अंजाम दी गई कि देखकर लगा मानो अपराधियों को किसी चीज़ का डर ही नहीं है।
जिस कारोबारी को निशाना बनाया गया, उसका नाम है संजय कुमार...जो पान मसाला के थोक व्यवसाय के साथ-साथ हवाला कारोबार से भी जुड़े माने जाते हैं। सुबह करीब 7:30 बजे वह रुपये से भरा बैग लेकर अपने घर से दुकान की ओर निकले ही थे कि महज 200 गज की दूरी पर बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें घेर लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो बाइक पर सवार चार नकाबपोश अपराधियों ने पहले संजय को रास्ते में रोका और फिर तमंचा तानकर उनसे रुपये लूट लिए। अपराधी हथियार लहराते हुए तिनकोनी रोड की ओर फरार हो गए। मौके पर मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले लुटेरे हवा हो चुके थे। घटना की खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई और देखते ही देखते जनता चौक और आसपास के मोहल्लों में दहशत का माहौल पसर गया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमा हरकत में आया। एसपी स्वर्ण प्रभात ने खुद मामले को संज्ञान में लिया और डीएसपी रक्सौल मनीष आनंद के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू करा दी। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए हैं, जिनमें से कुछ संदिग्धों की पहचान होने का दावा किया जा रहा है।
लेकिन इस घटना ने एक और गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है...आखिर संजय कुमार ही बार-बार अपराधियों के निशाने पर क्यों आ रहे हैं? बीते तीन वर्षों में यह तीसरा मौका है, जब उनसे बड़ी रकम की लूट की गई है। क्या वे किसी संगठित गिरोह की निगरानी में हैं? क्या उनकी गतिविधियों पर पहले से नजर रखी जा रही थी? या फिर उनके हवाला नेटवर्क को ही कोई निशाना बना रहा है?
डीएसपी मनीष आनंद ने बताया कि पीड़ित कारोबारी संजय कुमार ने अभी तक कोई औपचारिक आवेदन नहीं दिया है, लेकिन पुलिस अपने स्तर से जांच को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी रोकने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।
इस घटना ने मोतिहारी पुलिस के समक्ष दोहरी चुनौती खड़ी कर दी है। एक तरफ अपराधियों को पकड़ने का दबाव है तो दूसरी ओर बार-बार निशाना बनने वाले कारोबारी की सुरक्षा और पृष्ठभूमि की भी गंभीरता से जांच करनी होगी।
अब देखना यह है कि क्या पुलिस इस बार सच में अपराधियों तक पहुंच पाएगी या फिर यह मामला भी बीते मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। सवाल बड़ा है, जवाब का इंतजार हर आम नागरिक को है।