मोतिहारी: मोनालिसा की तस्वीर और सोनालिका ट्रैक्टर के नाम पर आवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन

लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |
आवेदन में 'सोनालिका ट्रैक्टर' आवेदक, 'स्वराज ट्रैक्टर' पिता और 'कार देवी' माता के नाम के तौर पर दर्ज।
पूर्वी चंपारण: बिहार में जालसाजी का एक और हैरतअंगेज मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक अधिकारियों को भी सकते में डाल दिया है। पटना के बाद अब पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में फर्जी तरीके से निवास प्रमाण पत्र बनाने का एक सनसनीखेज प्रयास उजागर हुआ है। इस बार धोखेबाजों ने सारी हदें पार करते हुए न केवल भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री मोनालिसा की तस्वीर का इस्तेमाल किया, बल्कि आवेदन में आवेदक का नाम 'सोनालिका ट्रैक्टर', पिता का नाम 'स्वराज ट्रैक्टर' और माता का नाम 'कार देवी' जैसे बेहद अजीबोगरीब नाम दर्ज किए। यह चौंकाने वाला वाकया सामने आते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया है।
यह मामला तब सामने आया जब एक निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रशासनिक अधिकारियों की नजर में आया। आवेदन पत्र में दर्ज की गई जानकारियां इतनी अविश्वसनीय और हास्यास्पद थीं कि अधिकारियों को पहली नजर में ही कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हो गया। भोजपुरी अभिनेत्री मोनालिसा की तस्वीर के साथ 'सोनालिका ट्रैक्टर' के नाम से किए गए इस आवेदन ने तत्काल उच्चाधिकारियों को इसकी जांच करने के लिए मजबूर कर दिया।
जांच में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
प्रारंभिक जांच में ही यह स्पष्ट हो गया कि यह पूरा प्रकरण सुनियोजित धोखाधड़ी का हिस्सा है। आवेदक द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी पूरी तरह से मनगढ़ंत और फर्जी थी। आवेदन में थाना क्षेत्र छौड़ादानो दर्शाया गया था, लेकिन नाम और तस्वीर के साथ दी गई अन्य जानकारियों में कोई तालमेल नहीं था। जांच पूरी होने के बाद, इस फर्जीवाड़े में संलिप्त अज्ञात व्यक्ति या व्यक्तियों के खिलाफ कोटवा थाने में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह घटना अब पूरे मोतिहारी जिले में चर्चा का विषय बन गई है और इस फर्जी आवेदन की प्रतियां सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग इस तरह की जालसाजी को देखकर हैरान हैं और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे हैं।
फर्जीवाड़े का बढ़ता सिलसिला
यह बिहार में इस तरह का पहला मामला नहीं है। इससे पहले पटना के मसौढ़ी में भी एक ऐसा ही विचित्र मामला सामने आया था, जब एक कुत्ते के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। ये लगातार सामने आ रहे फर्जीवाड़े के मामले राज्य में पहचान पत्रों और आधिकारिक दस्तावेजों की सुरक्षा एवं प्रमाणीकरण की गंभीर चुनौती को उजागर करते हैं। पुलिस और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाने की बात कही जा रही है।