
स्टेट डेस्क, नीतीश मुनर |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार में 5381 करोड़ रुपये की लागत वाली रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मोतिहारी में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने रेल, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी कुल 7200 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने संचार और आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने वाली कई रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं, जिनमें समस्तीपुर-बछवाड़ा सेक्शन में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने विभिन्न रेल परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, जिनमें पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए आधारभूत ढांचे का विकास, भटनी-छपरा ग्रामीण रेल लाइन (114 किलोमीटर) पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग और 232 करोड़ रुपये की लागत से कर्षण प्रणाली का आधुनिकीकरण शामिल है। कर्षण प्रणाली को बेहतर बनाकर ऊर्जा दक्षता बढ़ाई जाएगी और ट्रेनों की गति में सुधार होगा। इसके अलावा, उन्होंने 4080 करोड़ रुपये की लागत वाली दरभंगा-नरकटियागंज रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना की भी आधारशिला रखी, जिससे यात्रियों और मालगाड़ियों की आवाजाही बढ़ेगी तथा उत्तर बिहार और देश के अन्य हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
प्रधानमंत्री ने चार अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन ट्रेनों में पटना-नई दिल्ली, मालदा टाउन-गोमतीनगर, दरभंगा-गोमतीनगर और मोतिहारी बापूधाम-आनंद विहार मार्ग की ट्रेनों का समावेश है। लगभग 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार वाली यह ट्रेनें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और पटना से दिल्ली के बीच का करीब 1000 किलोमीटर का सफर महज 10 घंटे में तय करेंगी। इन ट्रेनों में केवल जनरल और स्लीपर कोच होंगे, लेकिन सुविधाएं वंदे भारत जैसी मिलेंगी। यह ट्रेनें आरा, बक्सर, दीन दयाल उपाध्याय नगर, मिर्जापुर, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल और इटावा समेत करीब 12 स्टेशनों पर ठहरेंगी। यात्री हर सीट पर चार्जिंग प्वाइंट, सीसीटीवी कैमरे, आधुनिक शौचालय और डिजिटल सूचना बोर्ड जैसी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।
पाटलिपुत्र कोचिंग कॉम्प्लेक्स में 283 करोड़ रुपये की लागत से वंदे भारत ट्रेनों के लिए रखरखाव केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसमें पांच अलग-अलग लाइनें बनेंगी और इसका टेंडर पूरा हो चुका है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 53 करोड़ रुपये की लागत से समस्तीपुर-बछवाड़ा सेक्शन में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम और भटनी-छपरा ग्रामीण सेक्शन (114 किमी) में 153 करोड़ रुपये की लागत से ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम की शुरुआत की।