
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक बेहद दर्दनाक हादसा हो गया। मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी गांव स्थित एक सरकारी स्कूल की छत अचानक ढह गई, जिसमें चार मासूम बच्चों की मौत हो गई और 17 से अधिक बच्चे घायल हो गए। हादसे के वक्त सभी बच्चे कक्षा में मौजूद थे।
यह हादसा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में उस समय हुआ, जब बच्चे रोज़ की तरह अपनी पढ़ाई में जुटे थे। अचानक छत का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया, जिससे दर्जनों छात्र मलबे में दब गए। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों, स्कूल स्टाफ और पुलिस ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया और बच्चों को मलबे से बाहर निकाला गया।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि हादसे में 5 से 6 छात्रों की जान गई है, जबकि 17 बच्चे घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और इलाज जारी है। मौके पर प्रशासन की टीम और जिला कलेक्टर भी पहुंच चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “राजस्थान के झालावाड़ के एक स्कूल में हुई दुर्घटना बेहद दुखद है। इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।” प्रधानमंत्री ने प्रशासन को हरसंभव मदद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी घटना पर दुख जताते हुए कहा कि यह दुर्घटना अत्यंत हृदय विदारक है। उन्होंने घायलों के समुचित इलाज के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस हादसे पर गहरी चिंता व्यक्त की और ईश्वर से सभी घायल छात्रों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।
फिलहाल, घटना के कारणों की जांच की जा रही है। प्राथमिक तौर पर ऐसा माना जा रहा है कि भवन की स्थिति जर्जर थी और समय रहते मरम्मत नहीं की गई। हादसे ने स्कूलों की आधारभूत संरचना और उनकी निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह दुर्घटना न सिर्फ एक प्रशासनिक चूक का संकेत है, बल्कि यह सरकार और समाज दोनों के लिए चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।