
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
महात्मा गांधी की एक दुर्लभ और ऐतिहासिक तस्वीर लंदन में आयोजित एक नीलामी में 1.7 करोड़ रुपये में नीलाम की गई। यह तस्वीर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक गांधी जी की उन दुर्लभ छवियों में से एक है जो अब तक सार्वजनिक रूप से बहुत कम देखी गई थी।
तस्वीर का इतिहास
यह दुर्लभ तस्वीर 1931 में ली गई थी, जब महात्मा गांधी लंदन में गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए थे। इस तस्वीर में गांधी जी पारंपरिक खादी वस्त्रों में शांत मुद्रा में बैठे हुए हैं, और उनके पीछे ब्रिटिश नेता व चर्च अधिकारी दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर को ब्लैक एंड व्हाइट रूप में बड़े आकार में फ्रेम किया गया है और इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि ब्रिटिश इतिहासकारों ने की है।
नीलामी में अंतरराष्ट्रीय बोली
इस तस्वीर की नीलामी ब्रिटेन की मशहूर नीलामी संस्था 'सॉटबीज' द्वारा करवाई गई थी। नीलामी में अमेरिका, भारत, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के कई संग्राहकों ने बोली लगाई। अंतिम बोली एक भारतीय मूल के अनाम व्यक्ति द्वारा लगाई गई, जो भारत की ऐतिहासिक विरासत को सहेजने की दिशा में व्यक्तिगत संग्रह बना रहे हैं।
गांधी जी की विरासत को मिला सम्मान
भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय ने इस नीलामी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "यह न केवल महात्मा गांधी की ऐतिहासिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाता है, बल्कि यह उनके विचारों और सिद्धांतों की अमरता को भी दर्शाता है।"
पहले भी हो चुकी हैं महंगी नीलामियां
गौरतलब है कि इससे पहले भी गांधी जी की वस्तुएं — जैसे कि उनका चश्मा, जेब घड़ी, चप्पल और चिट्ठियां — अंतरराष्ट्रीय नीलामी में लाखों में बिक चुकी हैं। इनमें से कुछ वस्तुएं बाद में भारत सरकार ने वापस खरीदी थीं।
महात्मा गांधी की यह ऐतिहासिक तस्वीर न केवल एक अमूल्य धरोहर है, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की जीवंत गवाही भी है। ऐसे नायकों की विरासत को बचाए रखना न केवल इतिहास के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक जिम्मेदारी है।