
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा राज्य में व्यापक स्तर पर वोटर लिस्ट रिवीजन की प्रक्रिया शुरू करने के फैसले का विरोध अब अदालत तक पहुँच गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन का मामला बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक RJD की तरफ से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में चुनाव आयोग ऑफ इंडिया (ECI) के फैसले को चुनौती दी गई है। पार्टी का कहना है कि वोटर लिस्ट में संशोधन और वेरिफिकेशन के नाम पर विपक्षी मतदाताओं को निशाना बनाया जा सकता है। इससे पहले तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के अन्य नेताओं के साथ मिलकर बिहार निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की थी।
RJD का आरोप है कि इस प्रक्रिया में सत्ताधारी दल के दबाव में काम हो रहा है जिससे निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने पर प्रश्नचिह्न लग सकते हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि वोटर लिस्ट रिवीजन के नाम पर ऐसे मतदाताओं के नाम हटाने का खतरा है जो परंपरागत रूप से विपक्ष को वोट देते रहे हैं।
चुनाव आयोग का पक्ष है कि मतदाता सूची को अपडेट करना एक नियमित प्रक्रिया है जिससे निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके। लेकिन विपक्ष इसे साजिश मानकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या निर्णय सुनाता है। इस मुद्दे ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है और चुनावी रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है।