Ad Image
ट्रंप ने भारत पर 25% आयात शुल्क लगाने के आदेश पर किया हस्ताक्षर || बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित || उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को, 7 अगस्त को जारी होगी अधिसूचना || PM मोदी ने शहीद क्रांतिकारी उधम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की || शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करती है: मंत्री रत्नेश सदा || आज राष्ट्रपति का झारखंड दौरा, देवघर एम्स के दीक्षांत समारोह में हुई शामिल || बिहार में खर्च 70 हजार करोड़ का हिसाब नहीं, पवन खेड़ा ने कहा महाघोटाला || पाक पर सैन्य कार्रवाई रोकने में ट्रंप की भूमिका पर गोलमोल जवाब दे रही सरकार: राहुल गांधी || पाक पर सैन्य कार्रवाई रोकने में अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका नहीं : विदेशमंत्री जयशंकर || अमेरिका फिलिस्तीनियों के लिए गाजा में फूड सेंटर खोलेगा: राष्ट्रपति ट्रंप

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

शादी से पहले हो HIV की जांच: मेघालय सरकार

विदेश डेस्क, ऋषि राज |

शिलॉन्ग: मेघालय सरकार ने एक अहम और साहसिक कदम उठाते हुए प्रस्ताव रखा है कि राज्य में होने वाली सभी शादियों से पहले वर-वधू की एचआईवी (HIV) जांच अनिवार्य की जाए। इस फैसले का उद्देश्य राज्य में एचआईवी संक्रमण की बढ़ती दर पर लगाम लगाना है।

मेघालय राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (MSACS) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 2019 से लेकर अब तक एचआईवी के 3,000 से अधिक नए मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, अकेले 2024 में 650 से अधिक नए केस दर्ज किए गए हैं, जो चिंता का विषय बन गए हैं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर एम. अम्पारेन लिंगदोह ने कहा, “हमारा मकसद किसी के व्यक्तिगत अधिकारों का हनन नहीं करना है, बल्कि समाज को सुरक्षित बनाना है। अगर वर या वधू में से कोई एचआईवी पॉजिटिव पाया जाता है, तो इसका मकसद उन्हें परामर्श और इलाज देना होगा, ना कि शादी को रोकना।”

उन्होंने यह भी बताया कि इस पहल को धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों और पंचायतों से समर्थन मिला है। कई चर्च समूहों ने भी शादी से पहले एचआईवी जांच की आवश्यकता पर बल दिया है।

हालांकि कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इस प्रस्ताव पर चिंता जताई है और कहा है कि इसे पूरी तरह से स्वैच्छिक होना चाहिए, ताकि किसी की निजता का उल्लंघन न हो।

फिलहाल सरकार की योजना इस प्रस्ताव को विधिक रूप देने की है, जिसमें आगामी विधानसभा सत्र में इसे एक विधेयक के रूप में पेश किया जा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रस्ताव प्रभावी तरीके से लागू होता है तो यह न केवल एचआईवी के संक्रमण को रोकने में मदद करेगा बल्कि समाज में इस बीमारी को लेकर जागरूकता भी बढ़ाएगा।