
एंटरटेनमेंट डेस्क, मुस्कान कुमारी |
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने अपनी नई फिल्म सीतारे जमीन पर की डिजिटल रिलीज के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया है। यह फिल्म आम ओटीटी प्लेटफॉर्म्स जैसे नेटफ्लिक्स या अमेज़न प्राइम पर नहीं, बल्कि यूट्यूब पर पे-पर-व्यू (PPV) मॉडल के तहत 1 अगस्त 2025 से उपलब्ध होगी। दर्शकों को इस फिल्म को देखने के लिए ₹100 का भुगतान करना होगा। यह स्ट्रीमिंग आमिर के यूट्यूब चैनल आमिर खान टॉकीज: जनता का थिएटर पर होगी। आमिर का यह फैसला सिनेमाघरों की अहमियत बनाए रखने और सिनेमा संस्कृति को बढ़ावा देने की उनकी रणनीति का हिस्सा है। उनका मानना है कि जल्दी डिजिटल रिलीज से थिएटर में दर्शकों की संख्या प्रभावित होती है।
थिएटर में जबरदस्त प्रतिक्रिया
20 जून 2025 को रिलीज हुई सीतारे जमीन पर ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत में ₹167 करोड़ और वैश्विक स्तर पर ₹267 करोड़ की कमाई के साथ यह फिल्म हिट साबित हुई। आर.एस. प्रसन्ना द्वारा निर्देशित इस फिल्म को 2007 की हिट तारे जमीन पर का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है। इसमें आमिर खान और जेनेलिया डिसूज़ा के साथ दस न्यूरोडायवर्जेंट नवोदित कलाकारों ने अभिनय किया है, जो इसे एक विशेष पहचान देते हैं।
ओटीटी प्रस्ताव ठुकराकर अपनाया नया रास्ता
आमिर खान ने डिजिटल रिलीज के लिए कई बड़ी ओटीटी डील्स, जिनमें अमेजन प्राइम की ₹120 करोड़ की कथित पेशकश भी शामिल थी, को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने यूट्यूब के पे-पर-व्यू मॉडल को इसलिए चुना ताकि वे रिलीज के समय और मूल्य निर्धारण पर पूरा नियंत्रण रख सकें। यह मॉडल न केवल भारत में, बल्कि 38 अन्य देशों में भी लागू होगा, जहां स्थानीय मुद्राओं में इसकी कीमत तय की गई है। आमिर का उद्देश्य सिनेमा को किफायती और व्यापक रूप से सुलभ बनाना है।
आमिर खान प्रोडक्शंस की नई दिशा
आमिर की प्रोडक्शन कंपनी ने भविष्य की फिल्मों को भी इसी मॉडल पर रिलीज करने का निर्णय लिया है। उनकी आने वाली फिल्में जैसे लाहौर 1947 और एक दिन यूट्यूब पर इसी पे-पर-व्यू प्रारूप में जारी की जाएंगी। वहीं कुछ कंटेंट, जैसे सत्यमेव जयते, आम जनता के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। इस पहल के माध्यम से आमिर दर्शकों को सिनेमाई अनुभव से जोड़ना चाहते हैं और साथ ही फिल्म वितरण के लिए एक नया डिजिटल विकल्प प्रस्तुत कर रहे हैं।
पायरेसी एक बड़ी चुनौती
हालाँकि, इस मॉडल के सामने सबसे बड़ी चुनौती पायरेसी है। यूट्यूब पर फिल्म रिलीज होते ही उसके हाई-क्वालिटी संस्करणों के अवैध रूप से इंटरनेट पर लीक होने का खतरा बना रहता है। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ इस प्रयोग के नतीजों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं, विशेष रूप से यह देखने के लिए कि यह मॉडल मध्यम बजट की फिल्मों के लिए व्यवहारिक बन सकता है या नहीं।
सिनेमा वितरण के नए प्रयोग की शुरुआत
आमिर खान का यह कदम न केवल उनके प्रोडक्शन हाउस की रणनीतिक सोच को दर्शाता है, बल्कि यह पारंपरिक डिजिटल रिलीज प्रणाली को एक नई चुनौती भी देता है। यूट्यूब जैसे सार्वजिनिक मंच पर सस्ती दर पर फिल्म को उपलब्ध कराना दर्शकों के लिए एक नया अनुभव बन सकता है। यह मॉडल उन निर्माताओं के लिए भी प्रेरणास्पद हो सकता है जो अपनी फिल्म की रिलीज पर अधिक नियंत्रण चाहते हैं।
फिल्म का संवेदनशील सामाजिक संदेश
सीतारे जमीन पर केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी लेकर आई है। यह फिल्म न्यूरोडायवर्जेंट बच्चों की क्षमताओं और उनके संघर्षों को उजागर करती है। आमिर ने इस विषय को बड़े संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया है और अधिक से अधिक लोगों तक यह संदेश पहुँचाने के लिए यूट्यूब जैसे व्यापक मंच को चुना।
दर्शकों के लिए सुलभ और सस्ता विकल्प
पे-पर-व्यू मॉडल दर्शकों को सुविधा और किफायत दोनों प्रदान करता है। केवल ₹100 में दर्शक अपने घर पर बैठकर इस फिल्म का आनंद ले सकते हैं, जो पारंपरिक ओटीटी सब्सक्रिप्शन की तुलना में काफी सस्ता है। यह उन लोगों के लिए भी लाभकारी है जो थिएटर जाकर फिल्म नहीं देख पाए थे।
फिल्म इंडस्ट्री में असरदार पहल
आमिर का यह निर्णय फिल्म उद्योग में एक नई दिशा तय कर सकता है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो अन्य निर्माता भी इसे अपनाने पर विचार कर सकते हैं। खासकर उन फिल्मों के लिए जिनका बजट सीमित होता है और जिन्हें ओटीटी पर वांछित मूल्य नहीं मिल पाता, यह एक प्रभावशाली विकल्प साबित हो सकता है।
आमिर का भविष्यदर्शी दृष्टिकोण
आमिर खान हमेशा अपनी अभिनव सोच के लिए पहचाने जाते हैं। लगान से लेकर तारे जमीन पर और अब सीतारे जमीन पर तक, उन्होंने हर बार कुछ अलग करने की कोशिश की है। इस बार यूट्यूब पे-पर-व्यू मॉडल को अपनाकर उन्होंने न केवल एक नई राह चुनी है, बल्कि यह भी दिखाया है कि वे बदलते समय के साथ खुद को ढालने के लिए तैयार हैं।