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हरिद्वार में मांसा देवी मंदिर के पास भगदड़: 6-8 की मौत, 34 से अधिक घायल

स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |

हरिद्वार में मांसा देवी मंदिर के पास भगदड़: 6-8 की मौत, 34 से अधिक घायल, मंदिर ट्रस्ट ने 2 लाख मुआवजा घोषित किया..

रविवार की सुबह मांसा देवी मंदिर के पास भयानक भगदड़ में 6 से 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 34 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 9 बजे मंदिर की ओर जाने वाली संकरी सीढ़ियों पर हुआ, जहां भारी भीड़ के बीच अफवाहों ने कोहराम मचा दिया। मंदिर ट्रस्ट ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है, जबकि महंत रविंद्र पुरी ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 1 लाख रुपये देने का ऐलान किया।

भगदड़ का कारण बना अफवाहों का तूफान

सुबह की शांति को चीरती इस त्रासदी की शुरुआत एक अफवाह से हुई, जिसमें कहा गया कि बिजली का करंट लगा है या तार टूट गया है। इससे भक्तों में अफरा-तफरी मच गई और संकरी सीढ़ियों पर भगदड़ शुरू हो गई। हालांकि, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने स्पष्ट किया कि कोई बिजली लीकेज या करंट नहीं था। अधिकारियों का मानना है कि भीड़ में किसी के फिसलने से यह हादसा हुआ। मृतकों में 12 से 60 साल के लोग शामिल हैं, जो उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड से आए थे।

घायलों का इलाज जारी, गंभीर मरीजों को रेफर

घायलों की संख्या 25 से 34 के बीच बताई जा रही है, जिसमें 20 पुरुष, 8 महिलाएं और 7 बच्चे (2 लड़के, 5 लड़कियां) शामिल हैं। पांच से दस गंभीर घायलों को ऋषिकेश के एम्स में भर्ती कराया गया, जहां चार की हालत नाजुक बनी हुई है, जिसमें दो बच्चे भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार जिला अस्पताल का दौरा कर इलाज की निगरानी की और बेहतर चिकित्सा सुविधा के निर्देश दिए।

मंदिर ट्रस्ट और सरकार का सहारा

मांसा देवी मंदिर ट्रस्ट ने तत्काल मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा की। महंत रविंद्र पुरी ने इस राशि को बढ़ाते हुए मृतकों के परिवारों के लिए 5 लाख और घायलों के लिए 1 लाख रुपये की सहायता का वादा किया। वहीं, राज्य सरकार ने ट्रस्ट के मुआवजे की बराबर राशि देने का फैसला लिया। धामी ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें अफवाह की उत्पत्ति और भीड़ प्रबंधन की कमियों की पड़ताल होगी।

रेस्क्यू और राहत कार्य तेज

स्थानीय पुलिस, अग्निशमन विभाग और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। प्रभावित परिवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं: हरिद्वार जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (01334-223999, 9068197350, 9528250926) और देहरादून राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404)।

 नेताओं ने जताया शोक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख जताया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “हरिद्वार में मांसा देवी मंदिर के रास्ते पर भगदड़ में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना। स्थानीय प्रशासन प्रभावितों की मदद कर रहा है।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी शोक संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

जांच और सुरक्षा पर सवाल

हादसे के बाद मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है, जिसमें बिजली के तारों की भूमिका और भीड़ नियंत्रण पर गौर किया जाएगा। हरिद्वार के डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि टूटे तारों का इस्तेमाल कुछ भक्तों ने सहारे के लिए किया, जो अफवाह को हवा दे सकता है। यूपीसीएल ने पुष्टि की कि तार इंसुलेटेड थे और कोई करंट नहीं था।

 भारी भीड़ का दबाव

रविवार को मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भक्तों को बैरिकेड्स के बीच फंसे और सांस लेने में दिक्कत झेलते देखा गया। महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हादसा हर की पौड़ी से प्राचीन रास्ते पर भीड़ बढ़ने से हुआ, जहां पुलिस बैरिकेडिंग के बावजूद हालात नियंत्रण से बाहर हो गए।

स्थिति पर नजर

अभी रेस्क्यू और राहत कार्य जारी हैं। घायलों का इलाज और परिवारों को सहायता देना प्राथमिकता बनी हुई है। हादसे की गहन जांच से आगे की जानकारी मिलने की उम्मीद है। इस त्रासदी ने तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन की जरूरत को एक बार फिर उजागर किया है।