
स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |
मुंबई ट्रेन धमाकों में 12 आरोपी बरी, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; 19 साल बाद मिला न्याय, 180 लोगों की गई थी जान...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन धमाकों से जुड़े एक ऐतिहासिक मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा। इस फैसले से 19 साल पहले हुए उस भयावह हमले की यादें फिर ताज़ा हो गईं, जिसमें 180 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
मुंबई हाईकोर्ट ने सोमवार, 21 जुलाई 2025 को 2006 में हुए लोकल ट्रेन धमाकों के सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा है। यह मामला 11 जुलाई 2006 को मुंबई की उपनगरीय लोकल ट्रेनों में सात सिलसिलेवार बम धमाकों से जुड़ा था, जिसमें 180 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।
न्यायमूर्ति अनिल किलोरे और न्यायमूर्ति श्याम चांदक की खंडपीठ ने कहा कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य अपर्याप्त थे और उन पर आधारित होकर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अदालत ने पहले सुनाई गई मौत की सज़ाओं और आजीवन कारावास की सज़ा को भी खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि 2015 में एक विशेष अदालत ने इन 12 में से पांच लोगों को फांसी और सात को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी। लेकिन हाईकोर्ट के मुताबिक, आरोपियों की संलिप्तता साबित करने के लिए जो सबूत दिए गए, वे पूरी तरह से दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त नहीं थे।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि आरोपी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए। बरी होने के बाद सभी आरोपियों ने अदालत में अपने वकीलों को धन्यवाद दिया।
यह फैसला उस आतंकी हमले के 19 साल बाद आया है, जिसने मुंबई की पश्चिमी रेलवे लाइन को झकझोर कर रख दिया था और पूरे देश को गम और गुस्से में डुबो दिया था।