नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अकेले नहीं लिया था, बल्कि यह सेना, पुलिस, खुफिया विभाग और सिविल सेवा के अधिकारियों की संयुक्त सहमति से लिया गया था। उन्होंने इस निर्णय को बहुत बड़ी गलती बताया और कहा कि इसकी कीमत इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
दरअसल, पी. चिदंबरम शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कसौली में खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव के दौरान लिटरेचर फेस्टिवल में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार को बड़ी गलती बताते हुए कहा कि यह कदम गलत था। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में खालिस्तान की मांग अब पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल इंदिरा गांधी का नहीं था। इसमें सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की राय शामिल थी। इसके बावजूद, दोष केवल इंदिरा गांधी पर लगाया जाता है, जो कि उचित नहीं है।
चिदंबरम ने कहा, “मैं किसी भी सैन्य अधिकारी का अनादर नहीं कर रहा हूं, लेकिन ब्लू स्टार ऑपरेशन स्वर्ण मंदिर को वापस पाने का गलत तरीका था। कुछ वर्षों बाद हमने सेना को शामिल किए बिना ही स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का सही तरीका अपनाया।”
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में खालिस्तान की मांग अब समाप्त हो चुकी है। आज राज्य की वास्तविक समस्या आर्थिक है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग पंजाब से बाहर जाकर विदेशों में बस रहे हैं। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है।
गौरतलब है कि चिदंबरम खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब They Will Shoot You, Madam पर चर्चा कर रहे थे, जो ऑपरेशन ब्लू स्टार और उसके बाद के हालात पर आधारित है। इसी चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, “सभी आतंकवादियों को वहां से निकालने का और भी तरीका हो सकता था, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत तरीका था। मुझे लगता है कि श्रीमती इंदिरा गांधी को उस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।”







