Ad Image
Ad Image
टाइफून मातमो तूफान को लेकर चीन में ऑरेंज अलर्ट, सेना तैयार || हमास बंधकों को करेगा रिहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पर बमबारी रोकने को कहा || पहलगाम हमले के बाद पता चला कौन भारत का असली मित्र: मोहन भागवत || भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का अपने अधिकारियों को पुतिन का आदेश || मेक्सिको की राष्ट्रपति शीनबाम की इजरायल से अपील, हिरासत में लिए मेक्सिको के नागरिकों को जल्दी रिहा करें || शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में निधन, PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि || स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं: मोहन भागवत || अमित शाह ने कहा, देश अगले 31 मार्च तक नक्सलवादी लाल आतंक से मुक्त होगा || भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता एशिया कप, PM समेत पूरे देश ने दी बधाई || तमिलनाडु: एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 31 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

महिला ने एलिमनी में 12 करोड़ और BMW की मांग की, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- "खुद कमाकर खाइए"

नेशनल डेस्क, ऋषि राज |

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में एक तलाक  के मामले की सुनवाई के दौरान उस समय सभी चौंक गए जब एक महिला ने अपने पति से एलिमनी (गुजारा भत्ता) के रूप में 12 करोड़ रुपये नकद और एक BMW कार की मांग कर दी। मामला केवल 18 महीने की शादी से जुड़ा हुआ था।

महिला की इस मांग को कोर्ट ने "अव्यवहारिक और गैर-जरूरी" करार दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा,
"जब आप खुद पढ़ी-लिखी हैं, काबिल हैं, तो फिर एलिमनी की मांग क्यों? आप खुद भी कमा सकती हैं और आत्मनिर्भर हो सकती हैं।”

जस्टिसों की बेंच ने स्पष्ट किया कि एलिमनी केवल उसी स्थिति में उचित होती है, जब महिला के पास आय का कोई साधन न हो या वह जीवन-यापन के लिए पूरी तरह पति पर निर्भर हो। कोर्ट ने कहा कि आधुनिक और शिक्षित महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की क्षमता रखती हैं और तलाक के बाद आर्थिक रूप से खुद को संभाल सकती हैं।

महिला पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि शादी के समय पति ने लग्ज़री जीवनशैली का वादा किया था, और इसलिए उनकी मुवक्किल को वही स्तर मिलना चाहिए। लेकिन कोर्ट ने इसे "भावनात्मक तर्क" मानते हुए खारिज कर दिया और कहा कि
"शादी केवल 18 महीनों की रही, और इस दौरान दोनों के बीच गहरा मतभेद था। अब ऐसे में 12 करोड़ और BMW कार की मांग तर्कसंगत नहीं मानी जा सकती।"

इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। कई लोग सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे महिला अधिकारों की उपेक्षा भी बता रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले से यह संदेश देने की कोशिश की है कि एलिमनी को केवल एक आर्थिक सहारा मानें, न कि अवसर के रूप में। पढ़ी-लिखी, सक्षम और आत्मनिर्भर महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।