
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह |
पूर्वी चंपारण में पशु शेड घोटाले का महा-खुलासा, लाखों डकारने वाले अधिकारी, कर्मी और मुखिया नपे, प्रशासन ने की ताबड़तोड़ कार्रवाई, जनता के पैसे की बर्बादी पर लगाम, दोषियों पर सख्त कार्रवाई से प्रशासन का संदेश साफ-अब नहीं बख्शे जाएंगे भ्रष्टाचारी।
पूर्वी चंपारण: मनरेगा की योजनाओं में गरीबों के हक पर डाका डालने वाले भ्रष्टाचारियों पर पूर्वी चंपारण प्रशासन का हंटर चला है। जिले के हरसिद्धि प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में हुए पशु शेड निर्माण कार्य में हुए 'महाघोटाले' का पर्दाफाश हो गया है।
जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल के निर्देश पर उप विकास आयुक्त डॉ प्रदीप कुमार ने एक गहन जिला स्तरीय जांच के बाद, कई अधिकारी, कर्मी और तत्कालीन मुखिया को दोषी पाया है। इन पर न केवल लाखों रुपये की वसूली की तलवार लटक गई है, बल्कि विभागीय प्रावधानों के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई भी की गई है, जिससे प्रशासनिक गलियारों में हडकंप मच गया है।
कौन है मास्टरमाइंड और क्या हुई कार्रवाई?
इस पूरे घोटाले का सबसे बड़ा दोषी तत्कालीन पंचायत रोजगार सेवक, मनरेगा, ग्राम पंचायत राज मानिकपुर (वर्तमान में पकड़ीदयाल में पदस्थापित) राजेश कुमार को पाया गया है। उन पर लगे आरोप चौंकाने वाले हैं – पशु शेड का निर्माण किए बिना ही लाखों की राशि डकार जाना, आवश्यक अभिलेख उपलब्ध न कराना, स्पष्टीकरण का जवाब न देना और लंबे समय से बिना अवकाश के अनुपस्थित रहना। इन गंभीर अनियमितताओं के मद्देनजर, उन्हें विभागीय पत्रांक-196 दिनांक 25.03.2024 की कंडिका 1 के (vii) के तहत तत्काल प्रभाव से चयनमुक्त कर दिया गया है।
लाखों की वसूली, किसकी जेब से निकलेगा पैसा?
जांच में यह बात सामने आई है कि कुल 04 योजनाओं में स्थल पर कोई संरचना ही नहीं है। यानी, कागजों पर लाखों रुपये का काम दिखा दिया गया, जबकि जमीन पर कोई निर्माण हुआ ही नहीं। इस बड़ी धांधली में कुल 5,57,255 (पांच लाख सत्तावन हजार दो सौ पचपन रुपये) की राशि की वसूली की जाएगी। यह वसूली सिर्फ एक दोषी से नहीं, बल्कि इस घोटाले में शामिल विभिन्न कर्मियों, पदाधिकारियों और तत्कालीन मुखिया से की जाएगी, जिसका ब्यौरा निम्न प्रकार से है:
राजेश कुमार (तत्कालीन पंचायत रोजगार सेवक): कुल वसूली का 25% यानी 1,39,313.75, शाहजाद अली (तत्कालीन लेखापाल, हरसिद्धि, वर्तमान संग्रामपुर): कुल वसूली का 05% यानी 27,862.75, दिग्विजय कुमार (तत्कालीन पंचायत तकनीकी सहायक, हरसिद्धि, वर्तमान रक्सौल): कुल वसूली का 20% यानी 1,11,451.00, जितेन्द्र कुमार (तत्कालीन कनीय अभियंता, हरसिद्धि, वर्तमान पश्चिमी चंपारण): कुल वसूली का 20% यानी 1,11,451.00, तत्कालीन मुखिया, ग्राम पंचायत राज-मानिकपुर: कुल वसूली का 20% यानी 1,11,451.00, शीलभूषण (तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी, हरसिद्धि, वर्तमान पश्चिमी चंपारण): कुल वसूली का 10% यानी 55,725.50 रुपए शामिल है।
अन्य पदाधिकारियों पर भी गिरी गाज
वसूली के अलावा, इस घोटाले में लिप्त मनरेगा कर्मी और पदाधिकारियों पर उनकी दोष की प्रकृति और गंभीरता के अनुसार अलग-अलग दंड अधिरोपित किए गए हैं। इन पर योजनाओं का सही अनुश्रवण न करने, कार्य में त्रुटिपूर्णता और अनियमित भुगतान करने का दोषी पाया गया है। प्रमुख दंड में राजेश कुमार (तकालीन पंचायत रोजगार सेवक, मानिकपुर): चयनमुक्त (अनुबंध रद्द), शीलभूषण (तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी, हरसिद्धि): बिना संचयी प्रभाव के तीन वार्षिक वृद्धियों तक रोक, जितेन्द्र कुमार (तत्कालीन कनीय अभियंता, हरसिद्धि): बिना संचयी प्रभाव के तीन वार्षिक वृद्धियों तक रोक, दिग्विजय कुमार (तत्कालीन पंचायत तकनीकी सहायक, हरसिद्धि): मूल मानदेय में 25% तक की कटौती तीन साल की अवधि तक, शाहजाद अली (तत्कालीन लेखापाल, हरसिद्धि): मूल मानदेय में 15% तक की कटौती दो साल की अवधि तक, जितेन्द्र कुमार (तत्कालीन पंचायत रोजगार सेवक, ओलहों मेहता टोला, हरसिद्धि): मूल मानदेय में 10% तक की कटौती दो साल की अवधि तक, धर्मेंद्र कुमार (तत्कालीन पंचायत रोजगार सेवक, पकड़िया): मूल मानदेय में 10% तक की कटौती दो साल की अवधि तक शामिल है।
अपील का अधिकार और आगे की राह
दोषी पाए गए सभी कर्मियों और पदाधिकारियों को अपील का अधिकार दिया गया है। वे उक्त आदेश के आलोक में अपीलीय प्राधिकार के नियम के तहत 30 दिनों के भीतर जिलाधिकारी के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं।