Ad Image
रूसी वायु रक्षा बल ने यूक्रेन के 41 ड्रोन मार गिराये || ट्रंप ने भारत पर 25% आयात शुल्क लगाने के आदेश पर किया हस्ताक्षर || बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित || उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को, 7 अगस्त को जारी होगी अधिसूचना || PM मोदी ने शहीद क्रांतिकारी उधम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की || शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करती है: मंत्री रत्नेश सदा || आज राष्ट्रपति का झारखंड दौरा, देवघर एम्स के दीक्षांत समारोह में हुई शामिल || बिहार में खर्च 70 हजार करोड़ का हिसाब नहीं, पवन खेड़ा ने कहा महाघोटाला || पाक पर सैन्य कार्रवाई रोकने में ट्रंप की भूमिका पर गोलमोल जवाब दे रही सरकार: राहुल गांधी || पाक पर सैन्य कार्रवाई रोकने में अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका नहीं : विदेशमंत्री जयशंकर

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का सफल परीक्षण

नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का सफल परीक्षण: हरित परिवहन की ओर एक नया कदम
भारत ने हरित ऊर्जा की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में भारत की पहली हाइड्रोजन आधारित ट्रेन का सफल परीक्षण किया गया है। यह कदम न केवल भारतीय रेलवे के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि देश के परिवहन ढांचे में टिकाऊ विकास को भी बढ़ावा देता है। इस हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से किया गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को और सशक्त बनाता है।

हाइड्रोजन ट्रेन का मुख्य लाभ यह है कि यह शून्य कार्बन उत्सर्जन करती है, जिससे प्रदूषण में भारी कमी आएगी। पारंपरिक डीज़ल इंजन की तुलना में, हाइड्रोजन ट्रेनों में केवल जलवाष्प निकलती है, जिससे यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित मानी जाती है। यह तकनीक यूरोप, खासकर जर्मनी और फ्रांस में पहले से उपयोग में लाई जा रही थी, लेकिन अब भारत भी इस सूची में शामिल हो गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक को जल्द ही उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में लागू किया जा सकता है, जहाँ डीज़ल इंजनों की आवश्यकता अधिक होती है।

इस परियोजना का उद्देश्य रेलवे के डीकार्बनाइजेशन लक्ष्य को 2030 तक हासिल करना है। वर्तमान में भारतीय रेलवे विश्व की सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्क में से एक है, और इसमें बड़े पैमाने पर डीज़ल और कोयले का उपयोग होता है। लेकिन सरकार अब धीरे-धीरे सभी इंजन और नेटवर्क को इलेक्ट्रिफाइड या वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर आधारित बनाने की दिशा में काम कर रही है।

ICF चेन्नई में हुए इस परीक्षण के दौरान ट्रेन की कार्यक्षमता, गति, सुरक्षा और स्थिरता का आकलन किया गया। रेलवे मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुए इस परीक्षण से यह संकेत मिलता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि प्रौद्योगिकी विकास में भी अग्रणी बनता जा रहा है।

यदि यह परियोजना व्यावसायिक स्तर पर सफल रहती है, तो आने वाले वर्षों में देश के कई प्रमुख मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेनें दौड़ती नज़र आएंगी। इससे न केवल प्रदूषण घटेगा, बल्कि ईंधन की लागत में भी भारी कमी आएगी। यह पूरी पहल भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और सशक्त बनाएगी।