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सगाई बनी विदाई की वजह: चुनाव आयोग ने क्रिकेटर Rinku Singh को हटाया

नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |

चुनाव आयोग ने रिंकू सिंह को मतदाता जागरूकता अभियान से हटाया, सपा सांसद से सगाई बनी वजह

भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को चुनाव आयोग ने मतदाता जागरूकता अभियान (SVEEP) से हटा दिया है। यह फैसला उनकी समाजवादी पार्टी की मछलीशहर सांसद प्रिया सरोज से सगाई के बाद लिया गया है। आयोग ने इसे संभावित राजनीतिक प्रभाव के रूप में देखते हुए तत्काल कार्रवाई की। रिंकू के चेहरे और नाम का उपयोग अभियान में करने को निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के लिए खतरा माना गया है।

प्रचार सामग्री हटाने के निर्देश

चुनाव आयोग ने एटा जिले के प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रिंकू सिंह से जुड़ी सभी प्रचार सामग्री, जैसे पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स और डिजिटल कंटेंट, तुरंत हटाए जाएं। जिला निर्वाचन अधिकारी और एडीएम (वित्त एवं राजस्व) लालता प्रसाद ने बताया कि आयोग के आदेश का पालन शुरू हो चुका है। सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद सामग्री को भी हटाने की प्रक्रिया जारी है। आयोग का यह कदम मतदाता जागरूकता अभियान को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखने के लिए उठाया गया है।

रिंकू सिंह को पहले SVEEP अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था। उनकी लोकप्रियता और युवाओं के बीच प्रभाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। हालांकि, जून 2025 में प्रिया सरोज के साथ उनकी सगाई की खबरें सामने आने के बाद स्थिति बदल गई। आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रिंकू को अभियान से अलग करने का फैसला किया।

सगाई और राजनीतिक निहितार्थ

मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज के साथ रिंकू सिंह की सगाई ने सुर्खियां बटोरीं। दोनों को कई घरेलू क्रिकेट मैचों के दौरान विभिन्न स्टेडियमों में एक साथ देखा गया था। इन तस्वीरों और खबरों ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी। हालांकि, रिंकू की सगाई एक सक्रिय राजनीतिक नेता से होने के कारण चुनाव आयोग ने इसे निष्पक्षता के लिए खतरा माना। आयोग का कहना है कि किसी भी सार्वजनिक हस्ती का राजनीतिक नेताओं से नजदीकी रिश्ता मतदाता जागरूकता अभियान की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है। 

SVEEP अभियान का उद्देश्य

SVEEP (सिस्टमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) कार्यक्रम का मकसद मतदाताओं को जागरूक करना और चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ाना है। इसके लिए लोकप्रिय हस्तियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया जाता है ताकि युवा और आम जनता तक संदेश प्रभावी ढंग से पहुंचे। रिंकू सिंह, जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, को इस अभियान के लिए चुना गया था। उनकी छवि युवाओं के बीच प्रेरणादायक मानी गई थी। लेकिन सगाई की खबरों ने आयोग को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया। 

जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

एटा जिला प्रशासन ने आयोग के निर्देशों को गंभीरता से लिया है। लालता प्रसाद ने बताया कि रिंकू सिंह से जुड़े सभी प्रचार सामग्री को हटाने का काम तेजी से चल रहा है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में लगे पोस्टर और होर्डिंग्स को हटाया जा रहा है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर मौजूद SVEEP से जुड़े डिजिटल कंटेंट को भी हटाने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अभियान की नई सामग्री में रिंकू का कोई उल्लेख न हो। 

रिंकू सिंह का क्रिकेट करियर

रिंकू सिंह भारतीय क्रिकेट में एक उभरता नाम हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी है। खासकर 2023 के IPL सीजन में गुजरात टाइटंस के खिलाफ अंतिम ओवर में पांच छक्के जड़कर उन्होंने सुर्खियां बटोरी थीं। उनकी इस लोकप्रियता के चलते ही उन्हें SVEEP अभियान का चेहरा बनाया गया था। लेकिन अब सगाई विवाद के बाद उनकी भूमिका इस अभियान से खत्म हो गई है। 

आयोग की निष्पक्षता पर जोर

चुनाव आयोग ने इस मामले में अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि SVEEP जैसे अभियानों में किसी भी तरह का राजनीतिक प्रभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग का मानना है कि मतदाता जागरूकता अभियान पूरी तरह से निष्पक्ष और तटस्थ होना चाहिए। रिंकू सिंह के मामले में त्वरित कार्रवाई से आयोग ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। 

प्रिया सरोज का राजनीतिक प्रोफाइल

प्रिया सरोज मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की सांसद हैं और क्षेत्र में उनकी मजबूत राजनीतिक उपस्थिति है। वह समाजवादी पार्टी के युवा नेतृत्व का हिस्सा मानी जाती हैं। उनकी और रिंकू की सगाई की खबरें सामने आने के बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ा। सोशल मीडिया पर दोनों की तस्वीरें और वीडियो वायरल होने से यह मुद्दा और चर्चा में आ गया। 

आगे की रणनीति

चुनाव आयोग अब SVEEP अभियान के लिए नए चेहरों की तलाश कर सकता है। एटा जिला प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही नए ब्रांड एंबेसडर की घोषणा की जा सकती है। साथ ही, आयोग ने अन्य जिलों को भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने अभियानों की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी राजनीतिक प्रभाव अभियान को प्रभावित न करे। 

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

रिंकू सिंह के प्रशंसकों के बीच इस खबर को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग आयोग के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है, जहां लोग रिंकू की निजी जिंदगी और उनके पेशेवर करियर पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं।