
नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार |
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई सीनियर छात्र वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर जूनियर छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है, तो यह भी रैगिंग की श्रेणी में आएगा और इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयोग को प्रत्येक वर्ष नए छात्रों से सीनियर्स द्वारा उत्पीड़न की कई शिकायतें प्राप्त होती हैं। UGC ने कहा है कि छात्रावास और विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें कोई भी ढील स्वीकार्य नहीं है।
UGC के सख्त दिशानिर्देश जारी;
आयोग ने उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे उन गैर-आधिकारिक वॉट्सऐप ग्रुप्स पर विशेष निगरानी रखें जो सीनियर्स द्वारा जूनियर्स को परेशान करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। UGC ने यह भी कहा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उत्पीड़न की घटनाएं अब रैगिंग के दायरे में लाई जाएंगी और दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
वॉट्सऐप ग्रुप में मानसिक उत्पीड़न का मुद्दा;
UGC ने अपने नए निर्देश में कहा है कि कई बार सीनियर छात्र अनौपचारिक ग्रुप्स बनाकर जूनियर्स को मानसिक दबाव में डालते हैं, जो कि रैगिंग की परिभाषा में आता है। ऐसा करने वाले छात्रों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी।
संस्थानों की जिम्मेदारी भी तय;
आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि कोई संस्थान एंटी-रैगिंग नियमों को लागू करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। इनमें वित्तीय सहायता या अनुदान को रोकने की कार्रवाई शामिल हो सकती है।
जूनियर्स पर दबाव डालने की घटनाएं भी चिन्हित;
UGC ने कुछ ऐसी घटनाओं का भी उल्लेख किया है जहां सीनियर्स ने जूनियर्स को उनके निर्देश न मानने पर सामाजिक बहिष्कार की धमकी दी। इसके अलावा, छात्रों को जबरन बाल कटवाने, देर रात तक जागने या सार्वजनिक रूप से अपमानित किए जाने जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।