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UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर: 1 अगस्त से लागू होंगे 5 नियम, Google Pay, PhonePe, Paytm पर असर

नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |

1 अगस्त 2025 से, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के लिए नए नियम लागू करने जा रहा है, जो Google Pay, PhonePe, Paytm और अन्य UPI प्लेटफॉर्म्स के करोड़ों यूजर्स को प्रभावित करेंगे। ये बदलाव डिजिटल लेनदेन की गति, सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए हैं, क्योंकि भारत में UPI हर महीने 16 अरब से अधिक लेनदेन प्रोसेस करता है। सर्वर ओवरलोड, पेमेंट में देरी और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं को कम करने के लिए ये नियम लाए जा रहे हैं। यूजर्स को इन बदलावों के लिए तैयार रहना होगा, खासकर जो बार-बार बैलेंस चेक करते हैं या ऑटोपे पर निर्भर हैं।

बैलेंस चेक पर सख्ती: दिन में 50 बार की सीमा

UPI यूजर्स अब अपने बैंक खाते का बैलेंस एक ऐप पर दिन में अधिकतम 50 बार चेक कर सकेंगे। यह नियम बार-बार बैलेंस जांचने से सर्वर पर पड़ने वाले अनावश्यक दबाव को कम करने के लिए लाया गया है, जो लेनदेन की गति को धीमा करता है। हर सफल UPI लेनदेन के बाद बैलेंस अपने आप दिखेगा, ताकि यूजर्स अपने फंड्स की जानकारी रख सकें। लेकिन अगर 50 बार की सीमा पार हो जाती है, तो अगले दिन तक बैलेंस चेक करना संभव नहीं होगा। यह नियम उन यूजर्स के लिए चुनौती हो सकता है जो बार-बार बैलेंस चेक करने की आदत रखते हैं।

लिंक्ड बैंक खातों की जांच पर भी पाबंदी

अब यूजर्स अपने मोबाइल नंबर या UPI ID से लिंक्ड बैंक खातों की सूची दिन में केवल 25 बार देख सकेंगे। यह कदम सिस्टम पर अत्यधिक API कॉल्स को रोकने और बॉट्स या धोखेबाजों द्वारा दुरुपयोग को कम करने के लिए उठाया गया है। ज्यादातर यूजर्स के लिए यह सीमा पर्याप्त है, लेकिन जो लोग बार-बार खातों के बीच स्विच करते हैं, उन्हें अपनी जांच को सीमित करना होगा। इस नियम से सिस्टम की स्थिरता बढ़ेगी और अनावश्यक डेटा ट्रैफिक कम होगा।

ऑटोपे में बदलाव: अब तय समय पर ही भुगतान

ऑटोपे के जरिए होने वाले नियमित भुगतानों (जैसे सब्सक्रिप्शन, यूटिलिटी बिल, EMI) के लिए नया नियम लागू होगा। अब ऑटोपे केवल गैर-पीक समय में प्रोसेस होंगे: सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से 5 बजे के बीच, और रात 9:30 बजे के बाद। यह नियम सिस्टम को पीक आवर्स में सुचारू रखने के लिए है। मौजूदा ऑटोपे सेटअप के लिए यूजर्स को कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है, लेकिन नए ऑटोपे इन समय स्लॉट्स के अनुसार सेट करने होंगे। व्यापारियों को भी अपने ऑटोपे सिस्टम में बदलाव करना पड़ सकता है, जिससे उनके ऑपरेशन्स प्रभावित हो सकते हैं।

थर्ड-पार्टी ऐप्स के लिए API पर सख्त नियम

NPCI ने बैंकों और थर्ड-पार्टी ऐप्स (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm) के लिए UPI API उपयोग पर सख्त दिशानिर्देश लागू किए हैं। अत्यधिक API कॉल्स को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी, ताकि सिस्टम में गड़बड़ी और आउटेज कम हो। नियम तोड़ने वाली ऐप्स या बैंकों पर API एक्सेस प्रतिबंध, नए यूजर्स जोड़ने पर रोक या जुर्माना लग सकता है। यह नियम मुख्य रूप से डेवलपर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स को प्रभावित करेगा, लेकिन यूजर्स को कुछ ऐप्स की कार्यक्षमता या परफॉर्मेंस में बदलाव नजर आ सकता है।

सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए कदम

सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, 30 जून 2025 से UPI ऐप्स में भुगतान से पहले प्राप्तकर्ता का रजिस्टर्ड बैंक नाम दिखाना अनिवार्य है। इससे गलत लेनदेन और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। साथ ही, NPCI ने चार्जबैक (पेमेंट रिवर्सल) अनुरोधों को सीमित कर दिया है। अब एक यूजर प्रति माह अधिकतम 10 चार्जबैक अनुरोध कर सकता है, जिसमें एक ही प्राप्तकर्ता के लिए 5 की सीमा है। इससे चार्जबैक सिस्टम का दुरुपयोग रुकेगा। यूजर्स को प्राप्तकर्ता का विवरण ध्यान से जांचना होगा और रिवर्सल अनुरोध सीमित रखने होंगे।

लेनदेन की सीमा में कोई बदलाव नहीं

UPI की मानक लेनदेन सीमा सामान्य लेनदेन के लिए ₹1 लाख प्रतिदिन और हेल्थकेयर, शिक्षा, और कैपिटल मार्केट जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के लिए ₹2 लाख बनी रहेगी। कुछ बैंक या ऐप्स (जैसे Paytm: ₹20,000/घंटा, 5 लेनदेन/घंटा, 20/दिन; PhonePe: 20 लेनदेन/दिन) अपनी सख्त सीमाएं लागू कर सकते हैं, लेकिन ये 1 अगस्त के नियमों से अपरिवर्तित रहेंगी।

लेनदेन स्थिति जांच पर भी रोक

असफल लेनदेन की स्थिति की जांच अब दिन में केवल तीन बार की जा सकेगी, जिसमें प्रत्येक जांच के बीच 90 सेकंड का अंतर होगा। यह नियम बार-बार रिफ्रेश करने से सर्वर पर पड़ने वाले दबाव को कम करेगा।

यूजर्स के लिए सलाह

NPCI ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे ऐप्स केवल विश्वसनीय स्रोतों (जैसे Google Play Store) से डाउनलोड करें, भुगतान से पहले प्राप्तकर्ता का नाम जांचें, PIN/OTP साझा न करें, और ऑटोपे को गैर-पीक समय में शेड्यूल करें। ये नियम अप्रैल-मई 2025 में देखी गई सर्वर समस्याओं और देरी को कम करने के लिए हैं। सामान्य यूजर्स को ज्यादा बदलाव महसूस नहीं होंगे, लेकिन बार-बार बैलेंस चेक करने वाले या ऑटोपे पर निर्भर यूजर्स को अपनी आदतें बदलनी पड़ सकती हैं।

क्या करें यूजर्स?

  • बैलेंस चेक को सीमित करें और केवल जरूरत पड़ने पर जांचें।
  • ऑटोपे सेटअप को गैर-पीक समय के अनुसार शेड्यूल करें।
  • भुगतान से पहले प्राप्तकर्ता का नाम और बैंक विवरण सत्यापित करें।
  • चार्जब GPay, PhonePe, Paytm से अपडेट्स देखें।