
विदेश डेस्क, श्रेयांश पराशर|
भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) तकनीक को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलती जा रही है। नामीबिया ने UPI को अपनाने की मंज़ूरी देकर अफ्रीका में डिजिटल पेमेंट का नया दौर शुरू कर दिया है।
नामीबिया ने भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली UPI को अपनाने की मंज़ूरी दे दी है। यह कदम भारत और नामीबिया के बीच हुए एक ऐतिहासिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत उठाया गया है। इस फैसले के बाद नामीबिया अफ्रीका का पहला ऐसा देश बन जाएगा जहां भारतीय UPI तकनीक से पेमेंट संभव होगा। यह सुविधा इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।
UPI (Unified Payments Interface) भारत की सबसे सफल और तेज़ डिजिटल भुगतान प्रणालियों में से एक है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है। अब इस तकनीक के अंतरराष्ट्रीय विस्तार से भारत की डिजिटल क्षमताओं को वैश्विक पहचान मिल रही है।
यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नामीबिया के राष्ट्रपति नंदी-एनडेटवा के बीच विंडहोक में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान तय हुआ। दोनों नेताओं ने इस सहयोग को भारत-अफ्रीका आर्थिक और तकनीकी साझेदारी के लिए एक मील का पत्थर बताया।
UPI के नामीबिया में शुरू होने से वहां के नागरिकों को तेज़, सुरक्षित और सरल पेमेंट सुविधा मिलेगी। साथ ही, यह भारत और अफ्रीकी देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी नई दिशा देगा।
इस साझेदारी से स्पष्ट है कि भारत अब न केवल अपने नागरिकों के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।