
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध पर तीन महीने की नई संधि की तैयारी, ट्रंप-शी मुलाकात का रास्ता साफ करने की कोशिश..
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, अमेरिका और चीन के शीर्ष आर्थिक अधिकारी सोमवार को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में फिर से वार्ता शुरू करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य लंबे समय से जारी व्यापार विवादों को सुलझाना और टैरिफ युद्ध से बचने के लिए तीन महीने की ‘ट्रूस डील’ को आगे बढ़ाना है।
चीन को 12 अगस्त की समयसीमा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के साथ एक स्थायी टैरिफ समझौता करना है, जिससे व्यापार पर लगने वाले भारी शुल्क से बचा जा सके। मई और जून में दोनों देशों के बीच प्रारंभिक समझौते हुए थे, जिनसे 'टिट-फॉर-टैट' टैरिफ बढ़ने और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति बाधित होने जैसी स्थितियों पर रोक लगी थी।
समझौता न हुआ तो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला संकट में
अगर यह समझौता नहीं होता है, तो अमेरिका के भारी-भरकम शुल्क वापस लागू हो सकते हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उथल-पुथल मच सकती है। इससे अमेरिका और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग बंद होने की स्थिति में आ जाएगा।
ट्रंप ने यूरोपीय संघ से भी किया बड़ा समझौता
स्टॉकहोम की यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोपीय संघ के साथ एक ऐतिहासिक व्यापार समझौता किया है। इस डील के तहत अधिकांश यूरोपीय वस्तुओं पर 15% टैरिफ लगेगा, जिसमें ऑटोमोबाइल्स भी शामिल हैं। इसके अलावा, यूरोपीय संघ अमेरिका से 750 अरब डॉलर की ऊर्जा खरीदेगा और 600 अरब डॉलर के अमेरिकी निवेश करेगा।
अमेरिका-चीन वार्ता में ब्रेकथ्रू की उम्मीद नहीं, लेकिन 90 दिन की राहत संभव
हालांकि अमेरिका और चीन के बीच किसी बड़े समझौते की तत्काल उम्मीद नहीं जताई जा रही है, लेकिन व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि मई के मध्य में की गई टैरिफ और एक्सपोर्ट कंट्रोल पर ट्रूस डील को 90 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है। यह विस्तार व्यापार युद्ध की और बढ़ोत्तरी को रोकेगा और राष्ट्रपति ट्रंप तथा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर या नवंबर के अंत में संभावित बैठक की योजना को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के प्रवक्ता ने "साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट" की उस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष अगले 90 दिनों के लिए कोई नया टैरिफ या अन्य आक्रामक कदम नहीं उठाएंगे, जिससे व्यापार युद्ध को और बढ़ावा मिले।
स्टॉकहोम में होने वाली यह वार्ता वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिहाज से अहम मानी जा रही है। अगर तीन महीने की और राहत मिलती है, तो अमेरिका-चीन संबंधों में कुछ समय के लिए तनाव कम होगा और दोनों देशों के बीच राजनीतिक और व्यापारिक वार्ता को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।