
विदेश डेस्क, श्रेया पांडेय |
अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुए भयावह आतंकी हमले के लिए ज़िम्मेदार माने जा रहे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि TRF, प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा (LeT) का ही एक मुखौटा संगठन है, जिसे आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और अंतरराष्ट्रीय निगरानी से बचने के उद्देश्य से खड़ा किया गया था।
अमेरिका ने TRF को दो प्रमुख श्रेणियों के तहत सूचीबद्ध किया है:
1. विदेशी आतंकवादी संगठन (Foreign Terrorist Organization - FTO)
2. विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (Specially Designated Global Terrorist - SDGT)
यह फैसला विशेष रूप से 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र लिया गया है, जिसमें भारी संख्या में भारतीय नागरिकों की जान गई थी। उस दिन, जब पर्यटक बेसरान घाटी के एक ट्रैकिंग पॉइंट से लौट रहे थे, तभी पांच heavily armed आतंकियों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। हमले में 26 लोगों की मौत हुई और दो दर्जन से अधिक घायल हुए। मारे गए लोगों में 21 हिंदू, 1 ईसाई, 1 स्थानीय मुस्लिम और 3 गाइड शामिल थे।
हमले के तुरंत बाद TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बयान जारी कर इस जिम्मेदारी से मुकर गया। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस हमले की गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि यह हमला लश्कर-ए-तैय्यबा द्वारा प्रायोजित था और TRF को जानबूझकर जिम्मेदारी लेने और फिर हटाने के लिए इस्तेमाल किया गया ताकि पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छिपाया जा सके।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्लो रुबियो ने इस कार्रवाई को "आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की जीरो टॉलरेंस नीति" का हिस्सा बताते हुए कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य ऐसे आतंकी संगठनों की आर्थिक और रणनीतिक क्षमता को खत्म करना है। TRF और इससे जुड़े व्यक्तियों की अमेरिका में स्थित सभी संपत्तियां जब्त की जाएंगी, अमेरिकी नागरिकों और संस्थाओं को TRF से किसी भी प्रकार के लेन-देन या समर्थन की अनुमति नहीं होगी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस संगठन को प्रतिबंधों और निगरानी का सामना करना पड़ेगा।
भारत सरकार ने अमेरिका के इस कदम का जोरदार स्वागत किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “यह फैसला भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते आतंकवाद-रोधी सहयोग का प्रमाण है। यह आतंक के खिलाफ हमारी साझी लड़ाई में एक बड़ा कदम है।” उन्होंने आगे कहा कि यह कार्रवाई उन निर्दोष नागरिकों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है जो पहलगाम हमले में मारे गए थे।
इसके अलावा, भारत ने पहलगाम हमले के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाई थी। जवाबी कार्रवाई में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन को भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा “सर्जिकल और सटीक जवाब” बताया गया।
TRF की वैश्विक आतंकी संगठन के रूप में पहचान से पाकिस्तान पर भी अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा, क्योंकि यह संगठन पाकिस्तान की जमीन से संचालित होता है और लश्कर-ए-तैय्यबा जैसे आतंकी नेटवर्क से गहराई से जुड़ा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह designation पाकिस्तान की “strategic depth doctrine” के खिलाफ एक वैश्विक कूटनीतिक झटका है।
इस निर्णय से जहां एक ओर TRF के खिलाफ कड़े वैश्विक प्रतिबंध लागू होंगे, वहीं दूसरी ओर यह आतंकवाद पीड़ित देशों को सुरक्षा नीति और जवाबी रणनीति में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।